UKSSSC Paper Leak 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून इन दिनों छात्र विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बनी हुई है। मामला है UKSSSC (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) Graduate Level Exam 2025 के कथित पेपर लीक का। 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा को लेकर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद यानी करीब 11:30 बजे प्रश्नपत्र का एक सेट लीक हो गया था। इस आरोप के बाद से ही छात्र आक्रोशित हैं और सड़कों पर उतरकर सरकार से परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। बेरोजगार संघ और स्वाभिमान मोर्चा इस आंदोलन को लीड कर रहे हैं। छात्रों का साफ कहना है कि पेपर लीक के बाद अब इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित किया जाए। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने मांग नहीं मानी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
स्थिति बिगड़ने पर प्रशासन ने देहरादून में धारा 163 लागू कर दी। शहर की 12 जगहों पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में छात्र परेड ग्राउंड में डटे रहे।
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शुरुआत में पुलिस ने पेपर लीक की बात से इनकार किया, लेकिन शाम तक एसएसपी अजय सिंह ने माना कि परीक्षा केंद्र से कुछ प्रश्नपत्रों के स्क्रीनशॉट बाहर भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि जांच में यह मामला सामने आया है कि एक अभ्यर्थी ने अपने परिचित के जरिए कुछ प्रश्न प्राप्त किए और उनके उत्तर भी मांगे। जांच में यह बात भी सामने आई कि प्रश्नपत्र की कुछ तस्वीरें एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंची थीं।
एसएसपी ने कहा कि यह मामला बड़े पैमाने पर संगठित गैंग से जुड़ा नहीं लगता बल्कि एक “इंडिविजुअल मैटर” प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि परीक्षा केंद्र पर कार्यरत कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया है और जांच जारी है।
गौरतलब है कि परीक्षा से एक दिन पहले 20 सितंबर को ही पुलिस ने हाकम सिंह और पंकज गौर नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन पर छह अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये लेकर पास कराने का आरोप है। हैरानी की बात यह है कि हाकम सिंह 2021 में भी UKSSSC पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
पुलिस और आयोग का कहना है कि अभी पेपर पूरी तरह लीक नहीं हुआ, इसलिए फिलहाल परीक्षा रद्द करने का फैसला टाल दिया गया है। लेकिन छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया है, मगर युवाओं की मांग है कि परीक्षा रद्द करके दोबारा कराई जाए।
इस घटना ने एक बार फिर से भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता और प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का कहना है कि जब-जब ऐसे पेपर लीक सामने आते हैं, तब-तब बेरोजगार युवाओं के सपने चकनाचूर होते हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और आयोग इस विवाद को किस तरह हल करते हैं।