Tirupati Madir: आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा विवाद फिर से सामने आया है। Tirupati के विश्वविख्यात श्री वेंकटेश्वर मंदिर की परकामनी (दान पेटी) से ₹100 करोड़ से अधिक की चोरी का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल पर लगाया गया है। यह गंभीर आरोप राज्य के आईटी मंत्री और टीडीपी नेता नारा लोकेश ने लगाए हैं।
नारा लोकेश का कहना है कि 2019 से 2024 के बीच वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के इतिहास की सबसे बड़ी लूट हुई। उन्होंने दावा किया कि चोरी के सबूत के तौर पर एक सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है। भाजपा नेता और टीटीडी सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने भी उनके दावों का समर्थन किया।
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बीजेपी और टीडीपी के नेताओं का आरोप है कि पिछली टीटीडी बोर्ड, जो वाईएसआरसीपी के नियंत्रण में थी, ने मामले को लोक अदालत में निपटाने का फैसला लिया। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक आईपीसी की धारा 379 (चोरी) पर समझौता हो सकता है, लेकिन धारा 381 (नौकर द्वारा मालिक की संपत्ति की चोरी) इतनी गंभीर है कि समझौते के जरिए इसे सुलझाया नहीं जा सकता। ऐसे में, जल्दबाजी में समझौता करना राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है।
बीजेपी प्रवक्ता जे. मधुसूदन ने आरोप लगाया कि चार्जशीट दाखिल होने के सिर्फ छह महीने के भीतर केस का निपटारा कर दिया गया, जो आम आदमी के लिए नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि वाईएसआरसीपी सरकार को न तो लोकतांत्रिक और न ही संवैधानिक मूल्यों की परवाह थी।
नारा लोकेश ने एक्स (Twitter) पर एक लंबा पोस्ट शेयर कर कहा कि वाईएसआरसीपी शासन अराजकता और लूट का प्रतीक बन गया था। उनके मुताबिक राज्य उस समय “माफिया, डॉन और चोरों के लिए सुरक्षित आश्रय” था। उन्होंने दावा किया कि चुराए गए पैसे को रियल एस्टेट में निवेश किया गया और इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और तत्कालीन TTD अध्यक्ष भूमना करुणाकर रेड्डी शामिल थे।
आरोप यह भी है कि करुणाकर रेड्डी ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई और चोरी का मामला सामने आने के बाद लोक अदालत के जरिए विवाद को दबाने की कोशिश की। नारा लोकेश का कहना है कि इस साजिश का पूरा सच जल्द सामने आएगा, क्योंकि एक अधिकारी पश्चाताप कर सबूत पेश कर सकता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तिरुमला के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में मिलावट की गई। यह वही प्रसाद है जिसे दुनिया भर के श्रद्धालु पवित्र मानते हैं।
मौजूदा टीटीडी चेयरमैन बी. आर. नायडू ने घोषणा की है कि पिछली बोर्ड के सभी विवादित फैसलों की जांच होगी। बीजेपी ने भी वादा किया है कि परकामनी घोटाले की गहराई से जांच कराई जाएगी। इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इतने बड़े और समृद्ध मंदिर की संपत्ति के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है।