Student Laptop Scam: आजकल फेस्टिवल सीजन और Back to School Offers में Students को लैपटॉप खरीदने पर भारी डिस्काउंट और फ्री गिफ्ट्स का लालच दिया जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि अक्सर यही मौके दुकानदार और ऑनलाइन रिटेलर्स के लिए सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने का जरिया बन जाते हैं। टेक नॉलेज कम होने के कारण स्टूडेंट्स को आसानी से ठगा जाता है। आइए जानते हैं कैसे—
Student Laptop Scam: क्या क्या झांसा देते है शॉपकीपर्स ?
पहला झांसा – Students स्पेशल लैपटॉप
सबसे पहले आपको समझना होगा कि स्टूडेंट्स के लिए कोई अलग लैपटॉप नहीं होता।
एक अच्छा लैपटॉप, अच्छा ही होता है – चाहे वह स्टूडेंट इस्तेमाल करे या प्रोफेशनल।
हाँ, अगर काम अलग है जैसे गेमिंग या वीडियो एडिटिंग, तो उसके लिए हार्डवेयर ज्यादा पावरफुल होना चाहिए। लेकिन “स्टूडेंट लैपटॉप” नाम पर बेचे जाने वाले मॉडल अक्सर पुराने या आउटडेटेड होते हैं।
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दूसरा झांसा – Free Gifts का लालच
दुकानदार अक्सर बोलेंगे – “इस लैपटॉप के साथ बैग फ्री, हेडफोन फ्री, माउस फ्री, पेनड्राइव फ्री…”
लेकिन सच यह है कि ये फ्री गिफ्ट्स की कीमत असल में लैपटॉप के दाम में ही जोड़ी जाती है।
सोचिए, अगर कोई दुकानदार आपको पहली बार देख रहा है तो क्या वह आपको सच में फ्री में इतना कुछ देगा? नहीं।
इसका मतलब यह है कि लैपटॉप की असली कीमत उससे कहीं कम है।
तीसरा झांसा – Students डिस्काउंट और बैक टू स्कूल ऑफर
कई जगह स्टूडेंट डिस्काउंट का नाम लेकर पुराने मॉडल बेचे जाते हैं।
ये लैपटॉप पहले से ही आउटडेटेड होते हैं और दुकानदार इन्हें “स्टूडेंट्स के लिए खास ऑफर” कहकर बेच देते हैं।
असलियत यह है कि वह स्टॉक निकाला जा रहा होता है, और आप सोचते हैं कि आपको बड़ी डील मिल रही है।
चौथा झांसा – लोकल शॉप बनाम ऑनलाइन
अक्सर लोकल शॉप्स पर रखा स्टॉक 6 महीने से 1 साल पुराना होता है।
उनकी कोशिश यही रहती है कि आउटडेटेड लैपटॉप आपको ऊँची कीमत पर थमा दिया जाए।
इसलिए अगर आपके पास नॉलेज है, तो ऑनलाइन खरीदना ज्यादा सेफ और किफायती है।
पाँचवां झांसा – डिस्प्ले और ब्राइटनेस ट्रिक
शोरूम में लैपटॉप हमेशा 100% ब्राइटनेस पर और हाई-कलर वीडियो के साथ दिखाया जाता है।
इससे स्क्रीन बहुत प्रीमियम लगती है।
लेकिन हकीकत यह है कि कोई भी यूज़र रोज़ 100% ब्राइटनेस पर लैपटॉप नहीं चलाता।
इसलिए हमेशा लैपटॉप को 25% ब्राइटनेस पर चेक करें ताकि असली क्वालिटी समझ आ सके।
छठा झांसा – EMI और फाइनेंस ऑफर
दुकानदार कहेंगे – “भाई EMI करा लो, बोझ नहीं लगेगा।”
लेकिन हकीकत यह है कि EMI पर लेने से आप 100% से ज्यादा कीमत चुका देते हैं।
बेहतर यही है कि पैसे बचाकर कैश में खरीदें।
हाँ, अगर लैपटॉप आपके काम से तुरंत पैसे कमाने में मदद कर सकता है, तभी EMI ऑप्शन सही है।
सातवाँ झांसा – Chromebook का वायरस
आजकल मार्केट में Chromebook के नाम पर सस्ते लैपटॉप बेचे जा रहे हैं।
इनमें मोबाइल जैसा प्रोसेसर, EMMC स्टोरेज (यानी मेमोरी कार्ड जैसी तकनीक), और बेहद कमजोर परफॉर्मेंस होती है।
इन्हें “स्टूडेंट्स के लिए खास” बताकर बेचा जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि ये कचरे से ज्यादा कुछ नहीं।
अगर आपको पढ़ाई, कोडिंग या वीडियो एडिटिंग जैसी असली जरूरत है तो हमेशा Windows या MacBook जैसे असली लैपटॉप ही लें।
Students को क्या करना चाहिए?
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फ्री गिफ्ट्स के लालच में न आएं।
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स्टूडेंट डिस्काउंट के नाम पर पुराना मॉडल न खरीदें।
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हमेशा स्पेक्स चेक करें – RAM, Processor, Storage, Display Quality।
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EMI तभी लें जब बेहद जरूरी हो।
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Chromebook से बचें।