SRMU Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित रामसूप यूनिवर्सिटी (Ramsoop University) इन दिनों सुर्खियों में है। कैंपस में अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और सरकार पर दबाव बनाते हुए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। चेतावनी थी कि अगर तय समय में कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन होगा। इस अल्टीमेटम की समय-सीमा पूरी होने से पहले ही प्रशासन ने यूनिवर्सिटी परिसर में बने अवैध ढांचे पर बुलडोजर एक्शन शुरू कर दिया।
अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
प्रशासनिक जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी कैंपस के पिछले हिस्से में एनिमल हाउस के नाम से अवैध इमारत बनाई जा रही थी। सर्वे रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि यह ढांचा सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाया गया था। ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा साबित होने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया।
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ABVP का दबाव बना वजह
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी की मान्यता पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उनका कहना था कि बिना मान्यता के पढ़ाई कराई जा रही है, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इसी बीच ABVP ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन होगा।
प्रशासन पर दबाव इतना बढ़ा कि अल्टीमेटम खत्म होने से पहले ही बुलडोजर कार्रवाई शुरू करनी पड़ी।
VIDEO | Uttar Pradesh: Bulldozer demolished illegal construction at Barabanki’s Shri Ramswaroop Memorial University campus earlier today.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz)#UttarPradesh pic.twitter.com/8VSkLtuLyi
— Press Trust of India (@PTI_News) September 6, 2025
राजनीतिक रंग भी चढ़ा विवाद पर
यह मामला केवल यूनिवर्सिटी या छात्रों तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसका राजनीतिक असर भी दिखा। एबीवीपी के घायल कार्यकर्ताओं से मिलने सपा और कांग्रेस के नेता भी पहुंचे। इस कारण विवाद ने राजनीतिक मोड़ ले लिया। वहीं भाजपा समर्थित ABVP का आक्रामक रवैया भी चर्चा का विषय रहा। राजनीतिक समर्थन और विरोध के बीच प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव और अधिक बढ़ गया।
आगे भी होगी जांच
अधिकारियों के अनुसार, रामसूप यूनिवर्सिटी का कैंपस करीब 1 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे क्षेत्र में फैला है। शुरुआती जांच में एनिमल हाउस का अवैध निर्माण सामने आया है, लेकिन यह भी संभावना है कि कैंपस के अन्य हिस्सों में भी अवैध कब्जे किए गए हों। ऐसे में प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य हिस्सों की भी जांच होगी और जहां भी अवैध निर्माण मिलेगा वहां बुलडोजर चलाया जाएगा।
बुलडोजर एक्शन और यूपी की राजनीति
पिछले कुछ सालों में ‘बुलडोजर एक्शन’ उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक कार्यशैली का प्रतीक बन चुका है। चाहे वह अपराधियों की संपत्ति हो या फिर अवैध निर्माण, सरकार इसे ध्वस्त करने में पीछे नहीं हटती। बाराबंकी के इस प्रकरण में भी वही तस्वीर देखने को मिली।
एबीवीपी का आंदोलन, विपक्षी दलों का समर्थन और प्रशासन की तत्परता – इन सबने मिलकर इस मामले को बड़ा बना दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस कार्रवाई के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव किस रूप में सामने आते हैं।
बाराबंकी की Ramsoop University में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर सिर्फ एक स्थानीय विवाद नहीं है बल्कि यह छात्रों की मांग, प्रशासनिक सख्ती और राजनीतिक दबाव – तीनों का मिश्रण है। एबीवीपी के अल्टीमेटम और छात्रों के विरोध के बाद जिस तेजी से कार्रवाई हुई, वह दिखाता है कि यूपी में अब अवैध निर्माण और मान्यता विवाद जैसे मुद्दों पर प्रशासन सीधे कदम उठाने से नहीं हिचकिचा रहा।