RBI Phone Lock: EMI मिस होने पर बैंक कर सकेंगे फोन लॉक !!

RBI Phone Lock: अगर आपने लोन लेकर मोबाइल फोन खरीदा और EMI चुकाने में चूक गए, तो बैंक आपके फोन को दूर से ही लॉक कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को इसकी अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Friday, September 12, 2025

RBI Phone Lock: EMI मिस होने पर बैंक कर सकेंगे फोन लॉक !!

RBI Phone Lock: अगर आपने लोन लेकर मोबाइल फोन खरीदा और EMI चुकाने में चूक गए, तो बैंक आपके फोन को दूर से ही लॉक कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को इसकी अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है कि RBI और बैंकों के बीच इस कदम पर चर्चा चल रही है।

सूत्रों के अनुसार, 2024 में आरबीआई ने लोन देने वाली वित्तीय संस्थाओं को निर्देश दिया था कि वे कर्ज न चुकाने वाले ग्राहकों के फोन लॉक करना बंद करें। इससे पहले, बैंक लोन जारी करते समय ग्राहकों के फोन में एक ऐप इंस्टॉल करवाते थे, जिसकी मदद से डिफॉल्टर्स के फोन लॉक किए जाते थे। 2023 में फोनपे ने करीब 10,000 ऐसे ग्राहकों की पहचान की थी, लेकिन आरबीआई ने फोन ब्लॉक करने की योजना पर रोक लगा दी थी।

अब आरबीआई इस कदम की तैयारी क्यों कर रहा है? रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) को रोकने के लिए है। एनपीए वे लोन होते हैं, जिनकी किश्त या ब्याज 90 दिनों तक नहीं चुकाया जाता। पिछले कुछ सालों में मोबाइल फोन, फ्रिज, टीवी जैसे छोटे इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर लिए लोन में डिफॉल्ट के मामले बढ़े हैं, जिससे बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (एनबीएफसी) को नुकसान हो रहा है।

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RBI Phone Lock: EMI मिस होने पर बैंक कर सकेंगे फोन लॉक !!

ये लोन ज्यादातर बिना किसी कोलैटरल (गिरवी) के दिए जाते हैं, इसलिए वसूली मुश्किल होती है। क्रेडिट ब्यूरो कंपनी क्रिफ हाई मार्क के अनुसार, 1 लाख रुपये से कम के छोटे लोन में डिफॉल्ट रेट सबसे ज्यादा है। जून 2025 में ऐसे लोन में 31 से 90 दिनों तक की देरी वाले मामलों की दर 1.5% रही, हालांकि पिछले साल की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। एक प्राइवेट बैंक के अधिकारी ने बताया कि इस सेगमेंट पर हाई डिफॉल्ट रेट के कारण निगरानी बढ़ाई जा रही है।

पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में एक-तिहाई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी, फ्रिज आदि छोटे लोन पर खरीदे जाते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के मुताबिक, देश में 1.16 करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं, जो इस मार्केट की विशालता दिखाता है। अगर यह योजना लागू होती है, तो बजाज फाइनेंस, डीएमआई फाइनेंस और चोलामंडलम फाइनेंस जैसी एनबीएफसी को लोन वसूली में मदद मिलेगी और एनपीए में कमी आएगी।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर लोन एनपीए हो जाता है (90 दिनों के बाद), तो वित्तीय संस्थाएं फोन नेटवर्क बंद करवा सकती हैं। इससे एनबीएफसी और बैंकों को रिकवरी के लिए ताकत मिलेगी। हालांकि, EMI समय पर चुकाना जरूरी है।

RBI Phone Lock: रिमोट लॉकिंग कैसे काम करेगी?

रिमोट लॉकिंग संभव है क्योंकि लेंडर फोन में एमडीएम लेवल का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर सकता है, जो फोन को लॉक, अनलॉक या डेटा वाइप कर सकता है। ये सॉफ्टवेयर फोन की इंटरनल सर्विसेज में डिप्लॉय होते हैं, जैसे ऐप एडमिन या टीम व्यूअर। हालांकि, इससे डेटा चोरी का खतरा भी है। इसलिए, एक फ्रेमवर्क तैयार करना जरूरी है, जो लेंडर्स को सिर्फ फोन लॉक करने तक का एक्सेस दे। साथ ही, बिना वार्निंग के लॉकिंग से मिसयूज का खतरा है, जैसे एक-दो EMI मिस होने पर।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से सलाह के बाद कुछ महीनों में फेयर प्रैक्टिस कोड अपडेट किया जा सकता है। हालांकि, आरबीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

निर्यातकों ने RBI से मांगी मदद

एक अन्य खबर में, अमेरिका के 50% टैरिफ से प्रभावित भारतीय निर्यातकों ने आरबीआई से मदद मांगी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, निर्यातकों ने आरबीआई अधिकारियों से बैठक में दो मांगें रखीं। पहली, लोन की मूल राशि और ब्याज पर 12 महीने का मॉरिटोरियम। साथ ही, कोविड-19 जैसी बिना कोलैटरल वाली लोन स्कीम शुरू की जाए।

दूसरी मांग, डॉलर की बिक्री स्पॉट रेट पर नहीं, बल्कि रियल इफेक्टिव एक्सचेंज रेट (आरईईआर) पर की जाए। आरईईआर रुपए की कीमत को महंगाई और कई मुद्राओं (डॉलर, यूरो आदि) की टोकरी के आधार पर मापता है। कपड़ा, केमिकल, जेम्स एंड ज्वेलरी, फिशरीज जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

RBI का बड़ा कदम: अब कर्ज न चुकाने पर लॉक हो जाएगा आपका फोन | Navbharat Live

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