Rahul Gandhi Press Conference: कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग (Election Commission) और मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में एक “सेंट्रलाइज्ड क्रिमिनल ऑपरेशन” चल रहा है, जिसके जरिए व्यवस्थित रूप से मतदाता सूची से वोट डिलीट किए जा रहे हैं। Rahul Gandhi ने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग इस पूरी प्रक्रिया से अवगत होने के बावजूद कार्रवाई करने की बजाय “वोट चोरों” की सुरक्षा कर रहा है।
क्या कहा Rahul Gandhi ने?
Rahul Gandhi ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई उदाहरण पेश किए। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों से बाहर के मोबाइल नंबरों और फर्जी लॉगिन आईडी का इस्तेमाल करके कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के वोट हटाने की कोशिश की गई।
उन्होंने उदाहरण दिया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,000 से ज्यादा वोट डिलीशन एप्लीकेशन जमा किए गए, जिनमें से कई मतदाताओं को खुद इसकी जानकारी तक नहीं थी।
एक महिला मतदाता गोदाबाई और एक मतदाता सूर्यकांत को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुलाकर Rahul Gandhi ने दावा किया कि उनके नाम पर फर्जी एप्लीकेशन डाले गए थे। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में 36 सेकंड के भीतर दो एप्लीकेशन दाखिल किए गए, जिसे Rahul Gandhi ने “ह्यूमनली इंपॉसिबल” बताया और कहा कि इसके पीछे ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर सिस्टम काम कर रहा है।
Rahul Gandhi का आरोप है कि यह कोई छिटपुट गड़बड़ी नहीं बल्कि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई संगठित साजिश है।
कांग्रेस का आरोप और चुनाव आयोग का जवाब
Rahul Gandhi ने कहा कि कर्नाटक CID ने चुनाव आयोग को इस मामले की जांच के लिए 18 बार चिट्ठी लिखी, लेकिन आयोग ने जानकारी साझा नहीं की। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग एक हफ्ते के भीतर IP डेटा, मोबाइल नंबर और SMS रिकॉर्ड सार्वजनिक करे।
दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने Rahul Gandhi के आरोपों को “बेसलेस और बेबुनियाद” बताया। आयोग ने कहा कि बिना नोटिस दिए किसी मतदाता का नाम लिस्ट से हटाया ही नहीं जा सकता। हालांकि, आयोग ने यह स्वीकार किया कि 2023 में आलंद विधानसभा में वोटर डिलीशन की असफल कोशिश हुई थी और इस पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
क्यों गंभीर है मामला?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि छोटे स्तर पर भी सैकड़ों वोट प्रभावित होते हैं, तो करीबी मुकाबले वाली सीटों का नतीजा बदल सकता है। Rahul Gandhi का दावा है कि जिन बूथों पर सबसे ज्यादा डिलीशन हुए, उनमें से 80% कांग्रेस के गढ़ हैं।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के राजोरा विधानसभा का उदाहरण दिया गया, जहां 6,850 फर्जी नाम जोड़ने का आरोप है। यानी सिर्फ डिलीशन ही नहीं बल्कि फर्जी ऐडिशन भी किए गए।
Rahul Gandhi ने चेतावनी दी है कि अगर चुनाव आयोग पारदर्शिता नहीं दिखाता तो देश यह मान लेगा कि आयोग वोट चोरों को बचा रहा है। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या विशेष जांच दल (SIT) के गठन की भी मांग की। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे को बिहार चुनाव जैसे आगामी राज्यों में मुख्य चुनावी एजेंडा बना पाएगी, या यह मामला अन्य मुद्दों के बीच दब जाएगा।