RahuI Gandhi, Election Commission, Karnataka CEO : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष RahuI Gandhi ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि देशभर में मतदाता सूचियों से लाखों नाम हटाने की साजिश चल रही है। इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी। अब कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) वी. अंबू कुमार ने इस मुद्दे पर विस्तृत सफाई दी है और RahuI Gandhi के आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है।
कर्नाटक CEO का बयान
वी. अंबू कुमार ने बताया कि दिसंबर 2022 के दौरान कर्नाटक के आनंद विधानसभा क्षेत्र में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को 618 Form-7 आवेदन प्राप्त हुए थे। ये आवेदन ऑनलाइन विभिन्न माध्यमों से जमा किए गए थे, जैसे नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (NVSP), वोटर हेल्प ऐप (VHA) और गरुड़ा ऐप।
इन आवेदनों की जांच के बाद पाया गया कि केवल 24 आवेदन सही थे, जबकि 594 आवेदन फर्जी या गलत पाए गए। सीईओ ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया गया। गलत पाए गए सभी आवेदन खारिज कर दिए गए थे।
उन्होंने आगे बताया कि फरवरी 2023 में कलबुर्गी जिले के आलनंद पुलिस स्टेशन में इस मामले की एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 6 सितंबर 2023 को सभी जानकारी पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई ताकि जांच आगे बढ़ सके।
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कांग्रेस के नए आरोप
हालांकि, कांग्रेस पार्टी इससे संतुष्ट नहीं हुई। पार्टी ने दावा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को 18 महीने में 18 पत्र भेजे हैं। ताज़ा पत्र 9 सितंबर 2025 को भेजा गया था, जिसमें आयोग से डेस्टिनेशन आईपी, डिवाइस आईडी और ओटीपी ट्रेल जैसी तकनीकी जानकारियां देने की मांग की गई थी। कांग्रेस का आरोप है कि ये डिजिटल सबूत ही असली दोषियों की पहचान कर सकते हैं, लेकिन चुनाव आयोग अभी तक ये जानकारी मुहैया नहीं करा रहा।
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि आखिर चुनाव आयोग पुलिस को डाटा क्यों नहीं दे रहा है? क्या ऐसा करके आयोग किसी को बचाने की कोशिश कर रहा है?
RahuI Gandhi के आरोप
18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में RahuI Gandhi ने कहा कि यह सिर्फ कर्नाटक का मामला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे देश में मतदाता सूचियों से लाखों लोगों को हटाने की योजना बनाई गई है। राहुल ने उदाहरण के तौर पर कर्नाटक के आनंद विधानसभा क्षेत्र का हवाला दिया और कहा कि वहाँ 618 वोट हटाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने इसे एक “बड़ी साजिश” करार दिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।
यह मुद्दा अब सियासी विवाद का केंद्र बन चुका है। एक तरफ कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है, वहीं कर्नाटक सीईओ का कहना है कि कोई गलत नाम नहीं हटाया गया और मामले में एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच पूरी होने के बाद आखिर सच सामने क्या आता है।