PM Modi GST Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर की शाम राष्ट्र के नाम संदेश दिया। यह संबोधन GST दरों में किए गए बदलावों और “GST बचत उत्सव” की घोषणा को लेकर था। पीएम मोदी ने स्वदेशी सामान अपनाने की अपील करते हुए कहा कि जैसे स्वतंत्रता आंदोलन को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही आज देश की समृद्धि भी स्वदेशी से बढ़ेगी। उन्होंने लोगों से मेड इन इंडिया उत्पाद खरीदने की अपील की और दावा किया कि इन सुधारों से गरीब, मिडिल क्लास, किसान, महिलाएं और व्यापारी सभी को फायदा होगा।
PM Modi GST Speech: विपक्ष का तीखा हमला
हालांकि पीएम मोदी के इस संबोधन पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले 8 सालों में 55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा GST वसूला है और अब चुनावी साल में राहत की बातें कर रही है। खड़गे ने कहा कि जनता कभी नहीं भूलेगी कि रोजमर्रा के जरूरी सामान जैसे दाल, चावल, अनाज, किताबें और इलाज पर भी जीएसटी लगाया गया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार “वोट चोरी” कर सत्ता में आती है और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए था। राय ने दावा किया कि चुनाव आयोग और मतदाता सूची में गड़बड़ियों के जरिए चुनाव प्रभावित किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार पहले कठोर GST लागू करती है और फिर खुद ही उसमें बदलाव कर पीछे हट जाती है।
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आम आदमी पार्टी का बयान
दिल्ली के पूर्व मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी पर विदेश नीति को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हाल ही में भारत पर टैरिफ और पेनल्टी लगाई है और H-1B वीजा की फीस 88 लाख रुपये कर दी गई है। ऐसे में युवाओं में गहरी चिंता है, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा। भारद्वाज ने यह भी व्यंग्य किया कि मोदी ने 8 बजे की बजाय 5 बजे संबोधन इसलिए दिया क्योंकि रात में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच था।
पप्पू यादव का हमला
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने GST पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आठ साल पहले जब कांग्रेस ने जीएसटी का मसौदा रखा था, तब भाजपा ने उसका विरोध किया। लेकिन सत्ता में आने के बाद GST लागू कर मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ दी। यादव ने आरोप लगाया कि जीएसटी का इस्तेमाल भी वोट बैंक को ध्यान में रखकर किया जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के फाफड़ा पर जीरो GST है, लेकिन बिहार के तिलकुट और मखाना पर 5% से 18% टैक्स लगाया गया।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। जहां भाजपा इसे “गरीब और मिडिल क्लास के लिए राहत” बता रही है, वहीं विपक्ष इसे “चुनावी जुमला” और “वोट बैंक की राजनीति” करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनावी मौसम में GST और स्वदेशी का मुद्दा किस तरह जनता को प्रभावित करता है।