हमले का विवरण
यह हमला Pahalgam से लगभग 5 किलोमीटर दूर बैसरण घाटी में हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और इसे “मिनी स्विट्जरलैंड” के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र केवल पैदल या घोड़े से ही पहुंचा जा सकता है, जिसके कारण बचाव कार्यों में काफी मुश्किलें आईं। मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, चार से पांच आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से पर्यटकों पर अंधाधुन गोलीबारी शुरू कर दी। मृतकों में ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र के पर्यटक शामिल हैं। मृतकों में एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो (IB) कर्मी भी शामिल हैं।
हमले में घायल हुए 17 से 20 लोगों को हेलीकॉप्टर और स्थानीय लोगों की मदद से घोड़ों पर Pahalgam लाया गया, जहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
आतंकियों ने हिंदुओं को बनाया निशाना
प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले पर्यटकों से उनकी पहचान पूछी और हिंदू होने की पुष्टि करने के बाद गोलीबारी शुरू कर दी। एक पीड़िता की पत्नी ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति को गोली मारने के बाद कहा, “जाकर मोदी को बता देना।” इस हमले को हिंदू पर्यटकों पर एक लक्षित हमला माना जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि यह अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ, जो हर साल पहलगाम के रास्ते होती है।
द रेसिस्टेंस फ्रंट और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ
केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। TRF को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक छद्म संगठन माना जाता है, जो 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अस्तित्व में आया। इस संगठन का उद्देश्य कश्मीर में आतंकवाद को स्वदेशी आंदोलन के रूप में पेश करना है ताकि पाकिस्तान की भूमिका को छुपाया जा सके। हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर सैफुल्लाह कसूरी बताया जा रहा है, जबकि हमले को अंजाम देने वाली TRF टीम की अगुवाई आसिफ फौजी ने की।
भारत सरकार की सख्त प्रतिक्रिया
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को छोटा करके दिल्ली लौटने के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद भारत ने कई बड़े फैसले लिए, जिनमें शामिल हैं:
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अटारी सीमा को बंद करना।
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सिंधु जल संधि को निलंबित करना।
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पाकिस्तान के साथ सभी वीजा रद्द करना।
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पाकिस्तान के साथ व्यापार, सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल आयोजनों पर रोक।
प्रधानमंत्री मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला निंदनीय है। जिन्होंने यह कायरतापूर्ण हरकत की, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कहा, “भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा।”
कश्मीर में विरोध प्रदर्शन और बंद
हमले के बाद पूरे कश्मीर में गुस्सा देखा गया। श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक विरोध रैली निकाली, जिसमें हमले की निंदा की गई। पहलगाम में दुकानदारों और होटल मालिकों ने “हिंदुस्तान जिंदाबाद” और “मैं भारतीय हूँ” के नारे लगाते हुए विरोध मार्च निकाला। पूरे कश्मीर में 35 साल बाद पहली बार पूर्ण बंद देखा गया। श्रीनगर के लाल चौक में स्थानीय व्यापारियों ने प्रदर्शन किया और बाजार बंद रहे।
जम्मू शहर में राष्ट्रीय बजरंग दल ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और उसका झंडा जलाया। नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने भी हमले की निंदा करते हुए प्रदर्शन किया। कोलकाता में बीजेपी समर्थकों ने 1 किलोमीटर लंबी रैली निकाली, जिसमें वरिष्ठ नेता सुवendu अधिकारी ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार पाकिस्तान प्रायोजित अपराधियों को करारा जवाब देगी।”
सुरक्षा व्यवस्था और जांच
हमले के बाद भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरण क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया है और एक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वालों के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्यों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने चंबा और कांगड़ा जिलों में, जो जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगते हैं, विशेष निगरानी और गश्त बढ़ा दी है।
पीड़ितों की कहानियां
मृतकों में हरियाणा के करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (26) भी शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में 16 अप्रैल को शादी की थी और अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून के लिए कश्मीर आए थे। हमले में उनकी मौत हो गई, और उनकी पत्नी ने उनके ताबूत को गले लगाकर “जय हिंद” का नारा लगाया।
कर्नाटक के शिवमोग्गा के एक व्यवसायी मंजूनाथ भी अपनी पत्नी पल्लवी और तीन साल के बेटे के साथ छुट्टियां मना रहे थे, जब आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। पल्लवी ने बताया, “वह मेरी आंखों के सामने मारे गए।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित कई विश्व नेताओं ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि एक नेपाली नागरिक के हताहत होने की खबरों की जांच की जा रही है।
सरकार की ओर से सहायता
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और अन्य घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं:
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श्रीनगरआपातकालीन नियंत्रण कक्ष: 0194-2457543, 0194-2483651
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ADC श्रीनगर,आदिलफरीद: 7006058623
निष्कर्ष
Pahalgam हमला कश्मीर के हिंसक अतीत की एक दुखद याद है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में पर्यटन बढ़ रहा था और हिंसा में कमी देखी जा रही थी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को उजागर कर दिया है। भारत सरकार के सख्त कदम और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन इस बात का संकेत है कि इस हमले का जवाब कड़ा होगा। VNX Report इस घटना पर लगातार नजर बनाए रखेगा और नवीनतम अपडेट्स आपके सामने लाता रहेगा।