Mohsin Naqvi Trophy Controversy: 28 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले ने मैदान पर जितना रोमांच पैदा किया, उतना ही विवाद भी खड़ा कर दिया। मैच के बाद सबसे बड़ा ड्रामा तब हुआ जब भारतीय क्रिकेट टीम ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयरमैन और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी के हाथों से एशिया कप ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। इस घटना ने पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी और पाकिस्तान की ओर से तरह-तरह के बयान आने लगे।
दरअसल, भारत की जीत के बाद ट्रॉफी प्रेजेंटेशन के समय भारतीय टीम का रुख साफ था—वह मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी नहीं लेंगे। हालात ऐसे बने कि नकवी खुद ट्रॉफी लेकर वहां से निकल गए। इस घटना ने पाकिस्तान की हार की कड़वाहट को और बढ़ा दिया।
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मैच के बाद खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा—”खेल के मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर का परिणाम हमेशा एक ही होता है, भारत जीतता है। हमारे खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई।” पीएम मोदी की इस पोस्ट से पाकिस्तान की तरफ से नाराजगी और गहरी हो गई। नकवी ने पलटवार करते हुए लिखा कि खेल में युद्ध जैसे शब्दों का इस्तेमाल हताशा और खेल भावना का अपमान है।
इस बीच, पाकिस्तानी खिलाड़ियों का मैदान पर व्यवहार भी चर्चा का विषय रहा। हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान जैसे खिलाड़ियों ने दर्शकों की ओर आपत्तिजनक इशारे किए, जबकि मैच खत्म होने के बाद हैंडशेक तक से इनकार किया। यही नहीं, पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने रनर-अप का चेक ट्रॉफी समारोह में नकवी के सामने फेंककर खेल भावना की धज्जियां उड़ाईं।
इसके बावजूद, प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगा ने बयान दिया कि भारत ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर क्रिकेट का अपमान किया है। उन्होंने कहा—”आज उन्होंने जो किया, एक अच्छी टीम ऐसा नहीं करती।” लेकिन उनकी ही हरकतें मैदान पर सबके सामने थीं।
दूसरी तरफ, भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने बेहद शांत और संयमित जवाब दिया। उन्होंने कहा—”देश का दिल जीतना ही हमारे लिए असली ट्रॉफी है। यह सिल्वरवेयर तो एक प्रतीक है, पर असली जीत वो भरोसा और प्यार है जो खिलाड़ी, स्टाफ और करोड़ों भारतीय हमें देते हैं।”
इस पूरे विवाद ने भारत-पाक क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। खासकर इसलिए भी कि हाल ही में हुए पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच खेले गए तीनों मैच भारत ने जीते हैं। ऐसे में पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ना स्वाभाविक है।
मोहसिन नकवी ने बाद में संकेत दिया कि वह ट्रॉफी भारतीय टीम को सौंपने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए एक औपचारिक समारोह आयोजित होना चाहिए। हालांकि, भारत के रुख से यह साफ हो गया है कि ट्रॉफी से ज्यादा उनके लिए देशवासियों का सम्मान और भरोसा मायने रखता है।
इस विवाद ने यह साबित कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र के गर्व और आत्मसम्मान से भी जुड़ा हुआ है। भारत की जीत और नकवी की ट्रॉफी “कांट्रोवर्सी” लंबे समय तक चर्चा में रहने वाली है।