Ladakh Statehood Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर बीते दिनों लेह में बड़ा आंदोलन शुरू हुआ था। यह आंदोलन लगातार तेज़ होता गया और हालात हिंसा तक पहुँच गए। अब इस पूरे प्रकरण से जुड़े कई अहम अपडेट सामने आए हैं। सबसे बड़ा अपडेट यह है कि 27 सितंबर को तीन दिन बाद पहली बार लेह में लगे कर्फ्यू में ढील दी गई। यह ढील दोपहर में चार घंटे के लिए दी गई थी, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।
लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा में लद्दाख के सोशल और क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक का नाम रहा, जिन्हें इस हिंसा के पीछे मुख्य जिम्मेदार बताया जा रहा है। लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनम वांगचुक के पाकिस्तान कनेक्शन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा गया, जो वांगचुक से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था।
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डीजीपी ने आगे दावा किया कि सोनम वांगचुक पाकिस्तान के अखबार Dawn के एक कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं और बांग्लादेश की यात्रा भी कर चुके हैं। उनके अनुसार, वांगचुक का इतिहास भीड़ को भड़काने और आंदोलन को हवा देने का रहा है। साथ ही, एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) उल्लंघन के मामले में भी उन पर जांच चल रही है।
हालांकि सोनम वांगचुक ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि वह इस्लामाबाद गए थे, लेकिन उनका कहना है कि वे संयुक्त राष्ट्र के एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने गए थे, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज पर चर्चा करना था। उन्होंने यह भी कहा कि उस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी, जिससे वहां मौजूद पाकिस्तानी अधिकारियों को हैरानी हुई। वांगचुक का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप आंदोलन को भटकाने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश है।
सरकार और पुलिस का दावा है कि लेह में हुई हिंसा और अशांति के पीछे सोनम वांगचुक का हाथ है। इसी आधार पर 26 सितंबर को उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया और राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। इस कानून के तहत किसी भी आरोपी को लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है।
हिंसा की घटनाओं में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 80 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और दावा किया है कि मुख्य रिंग लीडर्स पकड़े जा चुके हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि वहां की जनता को राजनीतिक और सांविधानिक अधिकार मिल सकें।
फिलहाल यह आंदोलन और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। पुलिस और सरकार इस मामले में विदेशी हाथ होने की बात कर रही है, जबकि आंदोलनकारियों का मानना है कि यह उनकी लोकतांत्रिक मांग को दबाने की रणनीति है। आने वाले दिनों में इस पूरे घटनाक्रम पर और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।