इरफान खान के निधन ने तिग्मान्शु धूलिया की रचनात्मक लेखन पर डाला गहरा प्रभाव

तिग्मान्शु धूलिया, इरफान खान, मुंबई 03 अप्रैल 2025: बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक तिग्मान्शु धूलिया ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि दिवंगत अभिनेता इरफान खान के निधन ने उनकी रचनात्मक लेखन प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डाला है। धूलिया, जिन्होंने इरफान के साथ फिल्मों जैसे

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Thursday, April 3, 2025

तिग्मान्शु धूलिया, इरफान खान, मुंबई 03 अप्रैल 2025: बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक तिग्मान्शु धूलिया ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि दिवंगत अभिनेता इरफान खान के निधन ने उनकी रचनात्मक लेखन प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डाला है। धूलिया, जिन्होंने इरफान के साथ फिल्मों जैसे ‘पान सिंह तोमर’, ‘साहेब बीवी गैंगस्टर रिटर्न्स’, ‘हासिल’, और ‘चरस’ में काम किया, ने बताया कि इरफान की अनुपस्थिति ने उनकी कहानी कहने की शैली को बदल दिया है। यह खबर आज सुबह से सोशल मीडिया और मनोरंजन जगत में चर्चा का विषय बनी हुई है।

इरफान खान के निधन ने तिग्मान्शु धूलिया पर दल प्रभाव

तिग्मान्शु धूलिया ने अपनी फिल्मी यात्रा की शुरुआत ‘हासिल’ से की थी, जिसमें इरफान खान और जिमी शेरगिल मुख्य भूमिकाओं में थे। धूलिया ने बताया कि इरफान के साथ काम करना उनके लिए एक सुखद अनुभव था, क्योंकि उनकी कई बड़ी हिट फिल्में इरफान के साथ बनीं। लेकिन इरफान के चले जाने के बाद, धूलिया ने माना कि अब वे जटिल दृश्यों को लिखने में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “इरफान की मौजूदगी में मैं अपने लेखन में और गहराई ला सकता था, क्योंकि मुझे पता था कि वे उस किरदार को बखूबी निभा सकते हैं।”

तिग्मान्शु धूलिया, इरफान खान

धूलिया ने ANI से बातचीत में बताया कि इरफान के निधन ने उनकी रचनात्मक प्रक्रिया को पूरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका है। इरफान मेरे दोस्त थे, और उनके बिना फिल्मों में जटिल किरदारों को लिखना मुश्किल हो गया है।” निर्देशक ने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान पीढ़ी के अभिनेता शायद उन जटिल दृश्यों को उतने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, जितना इरफान करते थे। उन्होंने जोड़ा, “अगर इरफान फिल्म में होते, तो मैं किरदार और स्थिति को और भी जटिल बना सकता था, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है।”

तिग्मान्शु और इरफान की दोस्ती राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), दिल्ली से शुरू हुई थी, जहां दोनों सहपाठी थे और एक गहरा बंधन बनाया था, जो उनके पेशेवर जीवन तक चला। धूलिया ने इरफान को अपना करीबी दोस्त बताया और कहा कि उनका निधन उनके लिए व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तर पर एक बड़ा नुकसान है। इस साक्षात्कार में धूलिया ने बॉलीवुड में अच्छे दोस्तों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह उद्योग असुरक्षित है। हर किसी को कभी-कभी कमजोरी महसूस होती है, लेकिन अगर आप इसे किसी परिचित के साथ साझा करते हैं, तो वे इसका फायदा उठा सकते हैं। ऐसे में आप किससे बात करें?”

धूलिया ने बताया कि अच्छे दोस्तों की कमी ने उनकी जिंदगी में एक समस्या पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, “मैं यह तय नहीं कर पा रहा कि कौन सी फिल्म करूं, स्क्रिप्ट ठीक है या नहीं, या मेरी जिंदगी में एक बुरा दौर चल रहा है। मुझे किसी से बात करने की जरूरत है, लेकिन मैं खुद को किसी के सामने खोल नहीं पाता।” उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योग में अच्छे दोस्तों का होना जरूरी है, क्योंकि यह आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूती देता है।

तिग्मान्शु धूलिया, इरफान खान

व्यावसायिक मोर्चे पर, तिग्मान्शु धूलिया ने ‘पान सिंह तोमर’ जैसी बायोपिक के साथ अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की, जो 2012 में BFI लंदन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हुई थी। इस फिल्म ने उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार दिलाया। इसके अलावा, ‘साहेब बीवी गैंगस्टर’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उनके अभिनय ने भी उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाई, जहां उन्होंने रामाधीर सिंह की भूमिका निभाई थी।

इरफान खान के निधन के बाद तिग्मान्शु धूलिया की यह बातचीत फैंस के बीच भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा कर रही है। सोशल मीडिया पर #IrrfanKhan और #TigmanshuDhulia ट्रेंड कर रहे हैं, और लोग इरफान की याद में उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। यह खबर मनोरंजन जगत में एक बार फिर इरफान के योगदान को याद दिलाती है और उनके प्रभाव को दर्शाती है। (ANI)

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