iPhone: कभी iPhone लॉन्च होते ही दुनिया में हलचल मच जाती थी। iPhone 4 और iPhone X जैसे मॉडल्स ने मोबाइल इंडस्ट्री में रेवोल्यूशन ला दिया था। लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। टेक एक्सपर्ट्स और यूज़र्स का कहना है कि Apple की इनोवेशन स्पीड काफी धीमी हो चुकी है और कंपनी अब पहले जैसी क्रांतिकारी चीज़ें पेश नहीं कर रही।
iPhone की शुरुआत और रेवोल्यूशन
2007 में स्टीव जॉब्स ने iPhone को “वाइडस्क्रीन iPod with touch, रेवोल्यूशनरी मोबाइल और इंटरनेट कम्युनिकेटर” के रूप में पेश किया। टच इंटरफेस ने मोबाइल इंडस्ट्री को पूरी तरह बदल दिया। फिर 2008 में आए App Store ने iPhone को एक डिवाइस से बदलकर एक प्लेटफॉर्म बना दिया।
2010 में लॉन्च हुआ iPhone 4 अपने स्टील-ग्लास डिज़ाइन और “रेटिना डिस्प्ले” की वजह से अब भी इंडस्ट्री का क्लासिक मॉडल माना जाता है। 2017 में आया iPhone X “नो होम बटन” और “फेस आईडी” के साथ iPhone का सबसे बड़ा बदलाव साबित हुआ।
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इनोवेशन से इटरशन तक
iPhone X के बाद हर साल के अपग्रेड अब यूज़र्स को “रेवोल्यूशन” नहीं बल्कि “छोटे-छोटे सुधार” (Iterative upgrades) लगने लगे हैं।
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iPhone 13 में कैमरा और बैटरी इम्प्रूवमेंट
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iPhone 14 में क्रैश डिटेक्शन और सैटेलाइट SOS
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iPhone 15 का हेडलाइन फीचर USB-C पोर्ट (जो EU के नियमों की वजह से लाना पड़ा)
Apple की स्ट्रेटजी: एडिशन नहीं, रिमूवल
Apple अब “नए फीचर्स जोड़ने” से ज्यादा “पुराने फीचर्स हटाने” के लिए चर्चा में रहता है।
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2016: हेडफोन जैक हटाया → AirPods का जन्म
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2020: चार्जिंग ब्रिक हटाई → अलग से चार्जर बेचने का नया बिज़नेस
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2023: Lightning हटाकर USB-C लाना पड़ा (EU के नियमों के कारण)
कॉन्ट्रोवर्सीज़ और यूज़र ट्रस्ट
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बैटरी थ्रॉटलिंग विवाद (2017): Apple ने माना कि पुरानी बैटरी वाले iPhones की परफॉर्मेंस सॉफ्टवेयर से स्लो की जाती थी।
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राइट टू रिपेयर विवाद: पार्ट स्वैप करने पर कुछ फीचर्स लॉक हो जाते हैं, जिससे इंडिपेंडेंट रिपेयर शॉप्स मुश्किल में हैं।
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ओवरहीटिंग और नोटिफिकेशन जैसे छोटे बग्स: जिन पर Apple अक्सर चुप्पी साधे रहता है।
नया गेम: iPhone नहीं, Ecosystem
टेक एनालिस्ट्स का मानना है कि Apple अब सिर्फ iPhone पर नहीं बल्कि पूरे Ecosystem (iPhone, Mac, iPad, Watch, AirPods) पर फोकस कर रहा है। iMessage, AirDrop और Handoff जैसे फीचर्स यूज़र्स को Apple की दुनिया में लॉक कर देते हैं। बाहर निकलना मुश्किल और महंगा हो जाता है।
सवाल: जादू खो गया या स्ट्रेटजी बदल गई?
आज iPhone पहले जैसा मैजिक नहीं दिखा रहा, लेकिन यह शायद Apple की सबसे बड़ी स्ट्रेटजी है। कंपनी चाहती है कि यूज़र सिर्फ iPhone पर नहीं बल्कि पूरे Apple Ecosystem में बंधे रहें।