India vs Pakistan Dubai Match: भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में होने वाले क्रिकेट मुकाबले को लेकर देश में राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़ा हो गया है। जहां दुबई में भारतीय टीम नेट प्रैक्टिस में जुटी है, वहीं भारत में इस मैच का जमकर विरोध हो रहा है। दिल्ली समेत कई जगहों पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों और BCCI के पुतले फूंके गए। लोगों और राजनीतिक दलों का कहना है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना शहीदों का अपमान है।
India vs Pakistan विरोध के स्वर तेज
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पुतले जलाकर विरोध जताया। वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) ने साफ कहा कि “सच्चा देशभक्त न तो यह मैच टीवी पर देखे और न ही स्टेडियम में।” उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाया – “जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो फिर खून और क्रिकेट एक साथ कैसे हो सकते हैं?”
उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी BCCI पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह सब पैसे और रेवेन्यू के लालच में हो रहा है।
राजनीतिक तकरार
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने पलटवार करते हुए आदित्य ठाकरे पर तंज कसा। वहीं, आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया कि दिल्ली में जो भी क्लब या रेस्टोरेंट इस मैच का प्रसारण करेंगे, उन्हें देशद्रोही बताकर एक्सपोज किया जाएगा।
सरकार और BCCI का पक्ष
बीजेपी नेता और पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलता, लेकिन एशिया कप और वर्ल्ड कप जैसे बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलना अनिवार्य होता है। उन्होंने साफ किया कि “बाइलेटरल सीरीज तब तक नहीं होगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।”
शहीद परिवारों की भावनाएं
पहलगाम हमले में शहीद हुए कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी ने कहा –
“पाकिस्तान के साथ खेलकर जो राजस्व मिलेगा, वह आतंकवाद को ही मजबूती देगा। BCCI को खिलाड़ियों को मजबूर नहीं करना चाहिए। खिलाड़ियों को देश के लिए खड़ा होना चाहिए।”
खिलाड़ियों और विशेषज्ञों की राय
भारतीय बल्लेबाजी कोच शीतांशु कोटक का कहना है कि खिलाड़ी सिर्फ क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने बयान दिया कि “यह युद्ध के बाद का पहला मुकाबला है। भारत पूरी तरह से हमें हराने की कोशिश करेगा और दबाव मैच में पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा।”
भारत-पाकिस्तान मैच अब सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद बनाम खेल भावना की बहस में बदल चुका है। एक पक्ष कह रहा है कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखना चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष मानता है कि जब तक सीमा पर खून बह रहा है, तब तक खेल संभव नहीं। अब देखना होगा कि मैच के बाद यह विवाद थमता है या और भड़कता है।