Himachal Pradesh में बादल फटने से Rampur में बाढ़, 496 सड़कें बंद, तीन राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित !!

Himachal Pradesh, Rampur: हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार एक बार फिर देखने को मिली है। राज्य के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, लेकिन सबसे गंभीर स्थिति शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में बनी, जहां दर्शल क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने

EDITED BY: Vaishnavi

UPDATED: Saturday, August 9, 2025

Himachal Pradesh में बादल फटने से Rampur में बाढ़, 496 सड़कें बंद, तीन राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित !!

Himachal Pradesh, Rampur: हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार एक बार फिर देखने को मिली है। राज्य के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, लेकिन सबसे गंभीर स्थिति शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में बनी, जहां दर्शल क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने की घटना के बाद टेकलेच बाजार में अचानक बाढ़ आ गई। प्रशासन की तत्परता से बड़ी जनहानि तो टल गई, लेकिन पूरे इलाके में दहशत और नुकसान का माहौल है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि समय रहते प्रभावित क्षेत्र के घर खाली कराए गए थे। हालाँकि, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य भर में 496 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) भी शामिल हैं।

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बादल फटने की घटना: कैसे हुआ सबकुछ

प्रशासन के अनुसार, शिमला जिले के रामपुर सबडिविजन के दर्शल गांव में बुधवार रात लगभग 11:30 बजे तेज गर्जना के साथ अचानक भारी बारिश शुरू हुई। चंद मिनटों में बारिश की तीव्रता इतनी बढ़ गई कि यह बादल फटने जैसी स्थिति बन गई।

इस घटना के चलते टेकलेच बाजार में पानी का तेज बहाव आया और कई दुकानें, वाहन और सड़कों पर खड़े ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने पहले से खतरे का आकलन कर लिया था और रात को ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था।

496 सड़कें बंद, यातायात ठप

राज्य में बारिश और भूस्खलन के चलते स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग (PWD) की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 496 सड़कें फिलहाल यातायात के लिए बंद हैं। इन सड़कों की बहाली के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।

तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण राज्य के प्रमुख शहरों का संपर्क अस्थायी रूप से कट गया है। प्रभावित मार्गों में शिमला-किन्नौर NH-5, मंडी-कुल्लू NH-3 और चंबा-पठानकोट NH-154A शामिल हैं।

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने मीडिया को जानकारी दी कि:

“बादल फटने की घटना के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद हैं। किसी प्रकार की जानमाल की बड़ी हानि नहीं हुई है, लेकिन बाजार में बाढ़ के चलते कई दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और रामपुर क्षेत्र के आसपास पिछले 24 घंटों से सतर्कता बढ़ा दी गई थी, जिसके कारण समय पर रेस्क्यू किया जा सका।


मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों के लिए अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय वर्षा की तीव्रता अधिक हो सकती है और बादल फटने जैसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं।

IMD ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों के समीप न जाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

जनजीवन अस्त-व्यस्त, स्कूल बंद

राज्य के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के चलते स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा बिजली आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क पर भी असर पड़ा है। किसान वर्ग भी चिंतित है क्योंकि भारी बारिश के चलते सेब और मक्का की फसलें प्रभावित हो रही हैं।

हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। हालांकि प्रशासन की सतर्कता से जनहानि टाल दी गई है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। लगातार बारिश और सड़कों के बंद होने से आम लोगों की दिनचर्या बाधित हो गई है।

राज्य सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में मौसम की चेतावनी को देखते हुए और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून की अनियंत्रित तीव्रता किस हद तक विनाशकारी हो सकती है।

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