Harpreet Singh, कैलिफोर्निया 18 अप्रैल 2025 : अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) और यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की संयुक्त कार्रवाई में गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को खूंखार आतंकी Harpreet Singh, जिसे हैप्पी पासिया के नाम से भी जाना जाता है, को सैक्रामेंटो, कैलिफोर्निया से गिरफ्तार किया गया। हरप्रीत सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का सक्रिय सदस्य है और भारत के पंजाब राज्य में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इनमें सितंबर 2024 में चंडीगढ़ में हुआ ग्रेनेड हमला भी शामिल है। FBI के सैक्रामेंटो डिवीजन ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि सिंह ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था और अपनी पहचान छिपाने के लिए बर्नर फोन और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा था।
Harpreet Singh Arrest: भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग
Harpreet Singh की गिरफ्तारी को भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने लंबे समय से सिंह को ट्रैक करने की कोशिश की थी, क्योंकि वह पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के साथ-साथ सीमा पार से नेटवर्क को संचालित कर रहा था। FBI के अनुसार, सिंह का संबंध पाकिस्तान में बसे आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा से था, जो खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सक्रिय है। रिंदा के साथ मिलकर हरप्रीत ने पंजाब में हथियारों की तस्करी, बम धमाकों और हत्याओं की साजिश रची थी।

भारतीय जांच एजेंसियों ने Harpreet Singh को 2023 से ही वांछित सूची में डाला था, जब उसकी संलिप्तता पंजाब के कई आतंकी हमलों में सामने आई थी। सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक ग्रेनेड हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया था, जिसमें हरप्रीत सिंह का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा। इस हमले में सौभाग्यवश कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह पंजाब में बढ़ती आतंकी गतिविधियों का एक गंभीर संकेत था। इसके अलावा, हरप्रीत पर अमृतसर और लुधियाना में हथियारों की तस्करी और धमाकों की साजिश रचने का भी आरोप है।
FBI के बयान के अनुसार, Harpreet Singh ने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के बाद अपनी गतिविधियों को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया। वह नियमित रूप से बर्नर फोन बदलता था और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था ताकि उसका पता न लगाया जा सके। भारतीय और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के बाद FBI ने सैक्रामेंटो में एक विशेष ऑपरेशन चलाया, जिसमें सिंह को हिरासत में लिया गया। इस ऑपरेशन में ICE की एनफोर्समेंट एंड रिमूवल ऑपरेशंस (ERO) टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Harpreet Singh खालिस्तानी समर्थक?
Harpreet Singh की गिरफ्तारी से भारत में आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को मजबूती मिलने की उम्मीद है। पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस गिरफ्तारी का स्वागत किया है और कहा है कि यह खालिस्तानी नेटवर्क को कमजोर करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरप्रीत सिंह के पास से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत और विदेशों में उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी।
अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंह की गतिविधियां केवल भारत तक सीमित नहीं थीं। उसका नेटवर्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी फैला हुआ था, जहां खालिस्तानी समर्थक समूह सक्रिय हैं। इस गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया है।
भारत सरकार ने इस कार्रवाई के लिए अमेरिकी एजेंसियों का आभार व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह गिरफ्तारी आतंकवाद के खिलाफ हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम अमेरिका के साथ मिलकर आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।” हरप्रीत सिंह के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है, जिसके बाद उसे भारत में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इस गिरफ्तारी ने पंजाब में शांति और सुरक्षा के लिए एक नई उम्मीद जगाई है, जो लंबे समय से आतंकी गतिविधियों से प्रभावित रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल खालिस्तानी आतंकवाद को कमजोर करेगा, बल्कि सीमा पार से संचालित होने वाले आतंकी नेटवर्क पर भी नकेल कसेगा। (ANI)
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