H1B Visa Fee Hike: ट्रंप ने H1B वीजा फीस $500 से बढ़ाकर $1 लाख की, भारतीय IT सेक्टर पर क्या असर?

H1B Visa Fee Hike: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय H1B Visa की फीस $500 से बढ़ाकर सीधे $1 लाख कर दी। यह नया नियम 21 सितंबर से लागू हो

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Tuesday, September 23, 2025

H1B Visa Fee Hike: ट्रंप ने H1B वीजा फीस $500 से बढ़ाकर $1 लाख की, भारतीय IT सेक्टर पर क्या असर?

H1B Visa Fee Hike: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय H1B Visa की फीस $500 से बढ़ाकर सीधे $1 लाख कर दी। यह नया नियम 21 सितंबर से लागू हो गया है। इस निर्णय के बाद भारतीय छात्रों, प्रोफेशनल्स और IT कंपनियों में चिंता का माहौल बन गया है।

भारतीय प्रोफेशनल्स पर सीधा असर

अमेरिका हर साल लगभग 85,000 H1B वीजा जारी करता है। इनमें से करीब 71% यानी लगभग 60,000 से ज्यादा वीजा भारतीय प्रोफेशनल्स को मिलते हैं। फिलहाल अमेरिका में 7.3 लाख भारतीय इसी वीजा पर काम कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि H1B वीजा अब “इंडियन वीजा” जैसा बन गया है।

ट्रंप प्रशासन के इस कदम का सीधा असर भारतीय IT सेक्टर पर पड़ा। फैसले के अगले ही दिन यानी 22 सितंबर को TCS, Infosys, Wipro, HCL Tech और Tech Mahindra जैसी कंपनियों के शेयर 3% से 6% तक गिर गए।

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अमेरिकी सरकार का तर्क

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि H1B प्रोग्राम का सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल होता है। अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक ने कहा कि कंपनियां अब विदेशी कर्मचारियों पर खर्च करने की बजाय अमेरिकन नागरिकों को ट्रेन करेंगी।

भारतीय वेतन और अमेरिका का अंतर

भारत में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की औसत सालाना सैलरी ₹8 से 15 लाख के बीच है। जबकि अमेरिका में H1B वीजा पर काम करने वालों की एवरेज सैलरी लगभग ₹1 करोड़ प्रति वर्ष है। यही वजह है कि भारतीय युवाओं का सपना H1B वीजा पाना होता है।

क्या पुराने वीजा होल्डर्स प्रभावित होंगे?

व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लिविट ने सफाई दी कि यह फीस सिर्फ नए अप्लिकेंट्स के लिए है और केवल एक बार देनी होगी। पहले से वीजा पर काम कर रहे लोगों को यह अतिरिक्त रकम नहीं चुकानी पड़ेगी।

ब्रेन ड्रेन बनाम ब्रेन गेन

भारत के लिए सबसे बड़ा सवाल है ब्रेन ड्रेन। हर साल लाखों भारतीय बेहतर अवसरों के लिए विदेश जाते हैं। केवल 2022 में ही 2.25 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। अब जब H1B वीजा इतना महंगा हो गया है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भारत के लिए एक अवसर भी बन सकता है।

Zoho के CEO सिद्धार्थ वबू और Kissflow के CEO गुरु प्रसाद श्रीनिवासन ने कहा कि यह भारत में टैलेंट को रोकने और देश के IT सेक्टर को और मजबूत बनाने का मौका है। अमेरिकी मार्केट में काम महंगा होगा, तो कंपनियां भारत में आउटसोर्सिंग और बढ़ाएंगी।

H1B वीजा क्या है?

H1B वीजा अमेरिका का एक खास वर्क परमिट है जो स्किल्ड प्रोफेशनल्स को 3 साल तक अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। इसे लॉटरी सिस्टम से जारी किया जाता है। यानी अप्लाई करो, किस्मत साथ दी तो वीजा मिल जाएगा।

H1B फीस बढ़ने का सीधा असर भारतीय कंपनियों और छात्रों पर होगा। लेकिन साथ ही यह भारत के लिए ब्रेन ड्रेन रोकने और अपनी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को मजबूत बनाने का एक सुनहरा अवसर भी साबित हो सकता है।

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