Google Chrome Gemini AI Integration: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से चल रही अटकलों के बाद आखिरकार अमेरिकी अदालत ने यह साफ कर दिया है कि Google को अपना Chrome ब्राउज़र बेचना नहीं पड़ेगा। पहले ऐसी चर्चा थी कि कोर्ट के दबाव में Google को Chrome किसी अन्य कंपनी को बेचना पड़ सकता है और Perplexity जैसी AI कंपनी इसे खरीदने की संभावित दावेदार मानी जा रही थी। लेकिन अब अदालत के हालिया आदेश के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई है।
Google ने तुरंत राहत की सांस लेते हुए अपने सबसे बड़े और लोकप्रिय ब्राउज़र Google Chrome में नए बदलाव शुरू कर दिए हैं। सबसे अहम अपडेट है Gemini AI का Chrome में इंटीग्रेशन, जो ब्राउज़र को सिर्फ एक ब्राउज़िंग टूल नहीं बल्कि एक स्मार्ट एजेंट में बदल देगा।
क्या हैं Google Chrome Gemini AI Integration ?
Gemini AI अब Chrome में एजेंटिक कैपेबिलिटीज लाएगा। इसका मतलब है कि ब्राउज़र खुद यूजर की जरूरतों और पैटर्न को समझकर रिपीट होने वाले काम अपने आप पूरे कर सकेगा।
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उदाहरण के लिए, अगर आप बार-बार किसी खास वेबपेज से डेटा कॉपी करते हैं, तो Chrome AI खुद ही यह टास्क आगे ऑटोमेट कर सकता है।
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लाइव वेब पेज को तुरंत समरी बनाकर देना।
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इमेज और जानकारी को स्मार्ट तरीके से सर्च करना।
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इंटरनेट पर रिपीटेटिव टास्क को ऑटोमेशन से पूरा करना।
यह फीचर्स पहले Perplexity के Comet ब्राउज़र में देखने को मिलते थे, लेकिन अब Google भी इस दौड़ में शामिल हो गया है।
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अमेरिका से होगी शुरुआत
Google ने घोषणा की है कि इस हफ़्ते से अमेरिका में अंग्रेज़ी भाषा में Gemini AI को Chrome ब्राउज़र पर रोल आउट किया जाएगा। धीरे-धीरे इसे पूरी दुनिया में उपलब्ध कराया जाएगा।
क्यों पड़ा Google को यह कदम उठाना?
दरअसल, AI टेक्नोलॉजी अब हर जगह तेजी से फैल रही है। Windows 12 में Copilot और कई नई AI बेस्ड सुविधाएँ जोड़ी जा रही हैं। वहीं छोटी कंपनियाँ जैसे Perplexity अपने ब्राउज़रों में पहले ही AI क्षमताएँ दे चुकी हैं। ऐसे में Google के पास विकल्प नहीं था कि वह AI को Chrome में और गहराई से इंटीग्रेट करे।
ChatGPT और Gemini की तुलना
AI मार्केट में यह भी देखने को मिल रहा है कि Google का Gemini तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। खासकर Gemini Nano ने रातों-रात ट्रेंड पकड़ लिया है और इमेज जेनरेशन में भी बेहतर परिणाम दे रहा है। इसकी वजह से कई लोग अब ChatGPT से ज्यादा Gemini को प्राथमिकता देने लगे हैं।
टेक वर्ल्ड में बदलाव का दौर
AI का यह दौर सिर्फ ब्राउज़रों तक सीमित नहीं रहेगा। स्मार्टफोन से लेकर ऑपरेटिंग सिस्टम और स्मार्ट ग्लासेज तक, हर जगह AI का दखल बढ़ रहा है। हाल ही में मार्क जुकरबर्ग के स्मार्ट ग्लास प्रेजेंटेशन फेल होने की खबर भी इस बात का सबूत है कि टेक कंपनियों में AI को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है।
कुल मिलाकर, Google Chrome Gemini AI Integration इंटरनेट ब्राउज़िंग के अनुभव को पूरी तरह बदलने वाला है। आने वाले समय में ब्राउज़र सिर्फ जानकारी दिखाने का नहीं बल्कि स्मार्टली आपके लिए काम करने का टूल बन जाएगा।