E20 Scam: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हाल ही में एक विवाद में घिर गए हैं। मामला E20 पेट्रोल से जुड़ा है, जिसमें 80% सामान्य पेट्रोल और 20% इथेनॉल मिलाया जाता है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गडकरी और उनके परिवार पर आरोप लगाया कि वह मंत्री रहते हुए इथेनॉल पॉलिसी से जुड़े फैसले ले रहे हैं और इसी कारोबार से उनके बेटे को फायदा हो रहा है।
E20 Scam: कांग्रेस के सवाल
पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि गडकरी के परिवार को इस नीति से करोड़ों का मुनाफा हुआ है। उन्होंने सवाल उठाए कि –
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अगर इथेनॉल किसानों के लिए फायदेमंद है, तो किसानों को वास्तविक लाभ कितना हुआ?
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पेट्रोल-डीजल के दाम अब भी ऊंचे क्यों हैं?
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अगर यह सार्वजनिक नीति है, तो इसका फायदा सिर्फ गडकरी के परिवार तक ही क्यों सीमित है?
खेड़ा ने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया दिखाते हैं, लेकिन क्या वह अपने करीबी नेताओं पर भी कार्रवाई करेंगे?
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गडकरी का पलटवार
इन आरोपों पर जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि यह सब एक पेड पॉलिटिकल कैंपेन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लॉबी काम करती हैं और वह भी उसी का शिकार हुए हैं। गडकरी के मुताबिक, भारत हर साल भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा पेट्रोल-डीजल आयात पर खर्च करता है। ऐसे में इथेनॉल जैसे विकल्प से प्रदूषण कम करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने बताया कि मक्का से बने इथेनॉल की मदद से किसानों को अब तक करीब 45,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय लगातार नए प्रयोग कर रहा है, जैसे कि आइसोब्यूटेनॉल को डीजल में मिलाने और इलेक्ट्रिक व सोलर-चालित ट्रैक्टर के उपयोग को बढ़ावा देना।
ऑटो सेक्टर का विस्तार
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि जब उन्होंने मंत्रालय संभाला था, तब भारत की ऑटो इंडस्ट्री करीब 14 लाख करोड़ रुपये की थी और विश्व में सातवें स्थान पर थी। आज यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गई है और भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। गडकरी का कहना है कि नई तकनीक और बैटरी इनोवेशन के दम पर भारत भविष्य में दुनिया की नंबर वन ऑटो इंडस्ट्री बन सकता है।
जनता की चिंताएं
हालांकि, E20 फ्यूल पर आम जनता की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। कई कार मालिकों का कहना है कि हाई इथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल से गाड़ियों की माइलेज कम हो जाती है और पुराने मॉडल्स के लिए यह उपयुक्त नहीं है। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक, E10 से E20 पर जाने वाली गाड़ियों में माइलेज लगभग 1-2% तक कम हो सकती है, जबकि अन्य वाहनों में यह कमी 3-6% तक हो सकती है।
E20 पेट्रोल को लेकर सरकार का मकसद देश को आत्मनिर्भर बनाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है। लेकिन राजनीतिक आरोपों और जनता की वास्तविक चिंताओं के बीच इस नीति का भविष्य सवालों में है।