Dreamfolks Service: Dreamfolks सर्विसेज लिमिटेड, जो कभी भारत में एयरपोर्ट लाउंज का सबसे बड़ा एग्रीगेटर था, ने मंगलवार को अपने घरेलू लाउंज एक्सेस व्यवसाय को बंद करने की घोषणा की। कंपनी अब भी भारत में अन्य सेवाएँ प्रदान करती है, लेकिन इनसे उसका राजस्व मात्र 7% ही है। इस घोषणा के बाद बुधवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में इसके शेयर 5% गिरकर ₹131.07 पर आ गए।
Dreamfolks Service ने क्यों बंद किया Lounge Access बिजनेस?
Dreamfolks के सबसे बड़े ग्राहक बैंक थे, जो एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के लिए कंपनी पर निर्भर रहते थे। लेकिन हाल के वर्षों में एयरपोर्ट ऑपरेटर्स खुद एग्रीगेटर बनकर सीधे बैंकों को सेवाएँ देने लगे हैं। इसके चलते प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है और ड्रीमफोल्क्स का नेटवर्क कमजोर पड़ गया।
दिल्ली के जीएमआर एयरपोर्ट पर लाउंज संचालित करने वाली Encalm और मुंबई व लखनऊ में लाउंज चलाने वाली Adani की Semolina Kitchen ने हाल ही में Dreamfolks के प्लेटफॉर्म से अपने लाउंज हटा लिए। इसके साथ ही Axis Bank और ICICI Bank जैसे बड़े बैंकों ने भी कंपनी से अपनी साझेदारी खत्म करना शुरू कर दिया।
ग्राहकों पर क्या असर होगा?
जो यात्री अब तक अपने बैंक कार्ड के जरिए भारत में हवाई अड्डे पर लाउंज का उपयोग कर पाते थे, वे अब यह सुविधा नहीं ले पाएँगे। हालांकि, यदि बैंक ने सीधे लाउंज संचालकों से साझेदारी की है, तो ग्राहकों को यह सेवा मिलती रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक प्रभावित बैंक नए लाउंज सेवा प्रदाता से करार नहीं करेंगे, ग्राहकों के पास विकल्प सीमित रहेंगे।
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कारोबार पर कितना असर पड़ेगा?
कंपनी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी संदीप सोनवणे ने जून तिमाही में विश्लेषकों को बताया था कि Dreamfolks का लगभग 93% राजस्व लाउंज कारोबार से आता है। यानी, घरेलू लाउंज सेवा बंद करना कंपनी के कुल कारोबार को सीधा प्रभावित करेगा।
कंपनी पहले ही यह स्वीकार कर चुकी थी कि बैंकों पर अपने लाउंज प्रोग्राम रद्द करने का दबाव बढ़ रहा है। इसलिए Dreamfolks अब एयरपोर्ट लाउंज के अलावा अन्य सेवाएँ जैसे—प्रीमियम कार पिक-अप और ड्रॉप, वीज़ा आवेदन सेवाएँ और वेलनेस पैकेज को बैंकों के साथ एकीकृत करने की योजना बना रही है।
Dreamfolks का आगे का रास्ता
Dreamfolks की अध्यक्ष लिबरथा कल्लत ने कहा था कि कंपनी दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में विस्तार की योजना बना रही है। वह गोल्फ, रेलवे लाउंज, कॉफ़ी आउटलेट, सोशल क्लब और वेलनेस सेवाओं जैसी नई कैटेगरी में भी उतरने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही कंपनी कुछ रणनीतिक साझेदारियों और अधिग्रहणों पर भी विचार कर रही है।
वित्त वर्ष 2025 में Dreamfolks ने ₹1,291.88 करोड़ का राजस्व और ₹65.05 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी के लिए अपने राजस्व का 90% से अधिक हिस्सा बदलना और बिजनेस को नई दिशा देना एक कठिन चुनौती होगी।