H1B Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब H1B Visa की एप्लीकेशन फीस 1 लाख अमेरिकी डॉलर होगी। भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब 88 लाख रुपये बैठती है। पहले यह फीस केवल 2000 से 5000 डॉलर के बीच हुआ करती थी। यह नियम 21 सितंबर रात 12:01 बजे से लागू हो गया है।
भारतीय कर्मचारियों पर सीधा असर
H1B Visa का सबसे ज्यादा लाभ भारतीय आईटी और प्रोफेशनल वर्कर्स को मिलता रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, H1B Visa होल्डर्स में लगभग 71% भारतीय नागरिक हैं। साल 2024 में करीब 4 लाख भारतीय कर्मचारी इस वीजा के सहारे अमेरिका में कार्यरत थे। ऐसे में यह फैसला भारतीय समुदाय के लिए गंभीर झटका माना जा रहा है।
कंपनियों की मुश्किलें
भारतीय वर्कफोर्स को लेकर अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां जैसे Microsoft, Google, Amazon आदि सस्ते और स्किल्ड कर्मचारियों पर निर्भर रही हैं। अब 88 लाख रुपये की भारी फीस के चलते कंपनियां सामान्य कर्मचारियों के लिए यह खर्च उठाने को तैयार नहीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Microsoft ने अपने H1B कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत अमेरिका लौट आएं या विदेश यात्रा का प्लान रद्द कर दें, क्योंकि कंपनी केवल महत्वपूर्ण पदों पर बैठे कर्मचारियों के लिए ही यह खर्च वहन करेगी।
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रेमिटेंस पर असर
H1B Visa धारक भारतीय न केवल विदेश में काम करते हैं बल्कि अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा रेमिटेंस के रूप में भारत भेजते हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत ने 129 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस हासिल किया, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके बाद मेक्सिको 68 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। ऐसे में H1B नियमों में बदलाव से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और परिवारों की आय पर गहरा असर पड़ सकता है।
भारत सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस फैसले पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह कदम कई भारतीय परिवारों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है और इसका गंभीर मानवीय असर पड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका इन मुश्किलों का समाधान निकालेगा।
वहीं, विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने अपने एक्स (Twitter) पोस्ट में लिखा, “I repeat, India has a weak PM”। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर बताते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका के फैसलों का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को झेलना पड़ रहा है।
क्या है आगे की राह ?
स्पष्ट है कि H1B वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी से न केवल भारतीय कर्मचारियों और उनके परिवारों पर असर पड़ेगा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा। आने वाले समय में भारत सरकार और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर बातचीत होने की उम्मीद है। फिलहाल, लाखों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और उनके परिजन इस संकट के समाधान की राह देख रहे हैं।