Disha Patni Firing Case: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 12 सितंबर की रात बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर के बाहर हुई फायरिंग मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद दिशा पाटनी के पिता जगदीश सिंह पाटनी से फोन पर बात कर आश्वासन दिया था कि दोषियों को “पाताल से भी खोज निकाला जाएगा।” इस बातचीत के दो दिन बाद ही 17 सितंबर को दोनों आरोपियों की एनकाउंटर में मौत हो गई।
Disha Patni Firing Case: क्या था मामला?
12 सितंबर को सिविल लाइंस इलाके में बाइक सवार दो बदमाशों ने दिशा पाटनी के घर के बाहर कई राउंड गोलियां चलाईं और दिल्ली-लखनऊ हाईवे की ओर फरार हो गए। इसके बाद सनसनी फैल गई।
सोशल मीडिया पर एक Facebook अकाउंट से पोस्ट किया गया कि इस हमले की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ गैंग ने ली है। पोस्ट में दिशा पाटनी और उनकी बहन खुशबू पाटनी का जिक्र था और लिखा गया था कि “संतों का अपमान करने वालों को जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा।”
दरअसल, इसी साल जुलाई में खुशबू पाटनी ने अनिरुद्धाचार्य पर विवादित टिप्पणी की थी। शुरुआत में इसे संत प्रेमानंद महाराज के खिलाफ समझा गया और मामला तूल पकड़ गया। बाद में खुशबू ने सफाई दी थी कि उनकी टिप्पणी सिर्फ अनिरुद्धाचार्य के लिए थी, प्रेमानंद महाराज के लिए नहीं।
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पुलिस की कार्रवाई
फायरिंग के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम रिकॉर्ड्स की जांच की। आरोपियों की पहचान रविंद्र (रोहतक निवासी) और अरुण (सोनीपत निवासी) के रूप में हुई।
17 सितंबर को यूपी एसटीएफ (नोएडा यूनिट) और दिल्ली क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम ने गाजियाबाद की ट्रॉनिका सिटी में दोनों को घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपी घायल हुए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
किससे जुड़े थे आरोपी?
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रविंद्र और अरुण, रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ गैंग से जुड़े सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं।
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रविंद्र पहले भी कई वारदातों में शामिल रहा है।
इस कार्रवाई से यूपी पुलिस ने यह संदेश दिया है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।