China Military Parade 2025: चीन ने 3 सितंबर को बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर China Military Parade 2025 का आयोजन किया। यह परेड World War II में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रखी गई थी। लेकिन इस आयोजन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा, खासतौर पर अमेरिका का।
सबसे बड़ा आकर्षण था DF-5C Intercontinental Ballistic Missile (ICBM), जिसकी रेंज 13,000 से 16,000 किलोमीटर तक है। इसका मतलब है कि अमेरिका का हर कोना इस मिसाइल की जद में आता है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एक साथ 12 छोटे वॉरहेड या फिर 1-3 मेगाटन न्यूक्लियर वॉरहेड लगाए जा सकते हैं।
इसके अलावा चीन ने परेड में कई नए हथियारों का प्रदर्शन किया:
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Submarine Drone AJ-X2 – 18-20 मीटर लंबा, पानी के अंदर बिना इंसानों के वॉरफेयर के लिए।
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Combat UAVs – दिखने और आकार में बिल्कुल लड़ाकू विमान जैसे, हवा से हवा में लड़ाई करने की क्षमता वाले ड्रोन।
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Laser Systems – ड्रोन गिराने और एंटी-मिसाइल ऑपरेशंस के लिए।
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J-6 और J-20 Fighter Jets – बीजिंग के आसमान में उड़ान भरते नजर आए।
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Y-22 Military Transport Aircraft – परेड का हिस्सा बने।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मौके पर शांति और सहयोग की बातें कहीं, लेकिन हथियारों की ताकत दिखाना सीधा संदेश अमेरिका की ओर था। परेड में 26 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए, जिनमें रूस के Vladimir Putin, उत्तर कोरिया के Kim Jong-un और ईरान के राष्ट्रपति भी थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा कि “अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने के लिए पुतिन और किम को मेरी तरफ से शुभकामनाएं देना।”
भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। भारत-चीन संबंध अभी भी तनावपूर्ण है, चाहे वह 2020 का गलवान संघर्ष हो या 2017 का डोकलाम विवाद। यही वजह रही कि मोदी ने परेड से दूरी बनाए रखी।
China Military Parade 2025 सिर्फ एक सालगिरह का जश्न नहीं था, बल्कि यह एक पावर शो था, जिसने दुनिया को चीन की मिलिट्री ताकत और अमेरिका विरोधी खेमेबाजी का साफ संदेश दिया।