Hindustani Bhau, Farah Khan: सोशल मीडिया पर ‘Hindustani Bhau’ के नाम से मशहूर विकास फाटक एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ खास सम्मानजनक नहीं रही। उन्होंने फिल्ममेकर और कोरियोग्राफर फराह खान के खिलाफ हिंदू भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। इस याचिका पर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जहां अदालत ने उन्हें जमकर फटकार लगाई।
Hindustani Bhau ने अपनी याचिका में फराह खान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एक टीवी शो या पब्लिक प्लेटफॉर्म पर हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भाऊ ने कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया और इसे कोर्ट में ले गए। लेकिन जब यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंचा, तो जजों ने याचिका को गंभीरता से लेने के बजाय इसे एक पब्लिसिटी स्टंट करार दिया।
Hindustani Bhau: कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने Hindustani Bhau पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के मामलों से न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग होता है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, “आप सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए इस तरह की याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं। आपको अदालत की प्रक्रिया का मजाक नहीं बनाना चाहिए।” अदालत ने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार की शिकायतों से न्यायिक संसाधनों की बर्बादी होती है।
“हमारे पास 200 से ज्यादा गंभीर मामले लंबित हैं”
बेंच ने यह भी उल्लेख किया कि कोर्ट पहले से ही 200 से अधिक गंभीर और संवेदनशील मामलों से जूझ रहा है, जिसमें नागरिक अधिकार, आपराधिक अपील, आर्थिक अपराध और महिलाओं से जुड़े केस शामिल हैं। ऐसे में इस प्रकार के ‘प्रचार-प्रसार’ वाले मामलों को समय देना न्यायिक व्यवस्था के साथ अन्याय है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसे मुद्दों को कोर्ट तक क्यों लाया जा रहा है, जबकि इन्हें समाजिक संवाद और सार्वजनिक विमर्श से भी हल किया जा सकता है।
फराह खान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे प्रकरण पर फराह खान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वे पहले भी इस प्रकार के विवादों से खुद को दूर रखने के लिए जानी जाती रही हैं और ज्यादातर मामलों में शांत ही रहती हैं। हालांकि, उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर इस याचिका को लेकर नाराजगी जताई और इसे ‘गैरजरूरी ड्रामा’ बताया।
हिंदुस्तानी भाऊ का इतिहास और विवाद
विकास फाटक उर्फ Hindustani Bhau पहले भी कई बार अपनी विवादास्पद टिप्पणियों और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। वे ‘बिग बॉस’ के एक सीजन में प्रतियोगी भी रह चुके हैं और सोशल मीडिया पर अपनी राष्ट्रवादी और आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इससे पहले भी कई फिल्मी हस्तियों के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज करवाए हैं, जिनमें से कई को अदालतों ने खारिज कर दिया है।
निष्कर्ष
बॉम्बे हाईकोर्ट की यह टिप्पणी न केवल विकास फाटक के लिए एक चेतावनी है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए भी एक संदेश है जो अदालत की प्रक्रिया का उपयोग व्यक्तिगत प्रचार या बदले की भावना से करते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका को केवल गंभीर और कानून सम्मत मामलों के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए।
यह मामला एक उदाहरण बन गया है कि कैसे कानून का दुरुपयोग कर के सुर्खियां बटोरी जा सकती हैं, लेकिन अंततः न्याय व्यवस्था ऐसे प्रयासों को नकार देती है और न्याय की मूल भावना की रक्षा करती है।