Air India ने बढ़ाई पायलटों और गैर-उड़ान कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र, पायलट अब 65 साल तक उड़ान भर सकेंगे !!

Air India, Retirement Age: भारतीय विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक अहम फैसला लिया है। कंपनी ने पायलटों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। इसके साथ ही गैर-उड़ान (Non-Flying) कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र भी

EDITED BY: Vaishnavi

UPDATED: Monday, August 11, 2025

Air India ने बढ़ाई पायलटों और गैर-उड़ान कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र, पायलट अब 65 साल तक उड़ान भर सकेंगे !!

Air India, Retirement Age:  भारतीय विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक अहम फैसला लिया है। कंपनी ने पायलटों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। इसके साथ ही गैर-उड़ान (Non-Flying) कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र भी 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत समेत दुनिया भर में एविएशन इंडस्ट्री में अनुभवी पायलटों की मांग लगातार बढ़ रही है और एयरलाइंस को योग्य और प्रशिक्षित मैनपावर की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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Air India पायलटों की नई रिटायरमेंट पॉलिसी

Air India के इस फैसले के तहत अब पायलट 65 साल की उम्र तक सक्रिय रूप से उड़ान भर सकेंगे। वर्तमान में भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के अनुसार पायलट अधिकतम 65 साल तक उड़ान भर सकते हैं, बशर्ते उनकी मेडिकल फिटनेस और अन्य नियामकीय आवश्यकताएं पूरी हों।

कंपनी के अनुसार, यह बदलाव एयरलाइन की फ्लाइट ऑपरेशंस की स्थिरता बनाए रखने, पायलटों के अनुभव का लाभ लेने और प्रशिक्षण लागत को कम करने में मदद करेगा।

गैर-उड़ान कर्मचारियों के लिए भी फायदा

एअर इंडिया ने गैर-उड़ान कर्मचारियों — जैसे ग्राउंड स्टाफ, टेक्निकल टीम, मेंटेनेंस क्रू और प्रशासनिक पदों — की रिटायरमेंट उम्र भी 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी है। इससे कर्मचारियों को दो साल का अतिरिक्त कार्यकाल मिलेगा, जिससे वे अपने अनुभव और कौशल का लंबे समय तक योगदान दे सकेंगे।

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क्यों लिया गया यह फैसला?

एविएशन इंडस्ट्री में पायलटों और ग्राउंड स्टाफ का अनुभव बेहद अहम माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में एयरलाइन सेक्टर में तेजी से विस्तार हुआ है, जिससे पायलटों की कमी महसूस की जा रही है।

  • अनुभव का लाभ: लंबे समय तक उड़ान भरने वाले पायलट संकट की स्थितियों में बेहतर निर्णय लेने और सुरक्षित संचालन में सक्षम होते हैं।
  • प्रशिक्षण लागत में बचत: नए पायलटों की भर्ती और प्रशिक्षण महंगा और समय लेने वाला होता है, जबकि अनुभवी पायलटों को बनाए रखने से यह खर्च कम हो जाता है।
  • ग्लोबल ट्रेंड के अनुरूप: कई देशों में पायलटों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष तय है, जिससे एअर इंडिया का फैसला अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाता है।

कर्मचारियों और उद्योग पर असर

इस फैसले से सीधे तौर पर एअर इंडिया के मौजूदा पायलटों और कर्मचारियों को फायदा होगा। पायलट अब 7 साल तक अतिरिक्त करियर बना सकेंगे, जिससे उनकी आय और पेशेवर स्थिरता बढ़ेगी। गैर-उड़ान कर्मचारियों को भी दो साल का अतिरिक्त कार्यकाल मिलेगा, जिससे उनके रिटायरमेंट फंड और पेंशन में सुधार होगा। एयरलाइन को अनुभवी मैनपावर लंबे समय तक मिलती रहेगी, जिससे संचालन की गुणवत्ता बनी रहेगी।

पायलट कमी की चुनौती

हाल के वर्षों में भारत में एविएशन सेक्टर में तेजी से ग्रोथ हुई है। नई एयरलाइंस के आने, अंतरराष्ट्रीय रूट्स के विस्तार और घरेलू उड़ानों की बढ़ती मांग के कारण पायलटों की आवश्यकता में इजाफा हुआ है। DGCA के आंकड़ों के अनुसार, देश में पायलटों की संख्या मांग के मुकाबले अभी भी कम है, जिससे एयरलाइंस को विदेशी पायलटों को नियुक्त करना पड़ता है।

एअर इंडिया के लिए रणनीतिक कदम

एअर इंडिया, जो अब टाटा ग्रुप के अधीन है, अपने नेटवर्क के विस्तार और फ्लीट मॉडर्नाइजेशन पर काम कर रही है। कंपनी ने हाल ही में बड़े पैमाने पर विमान खरीद ऑर्डर दिए हैं और नए अंतरराष्ट्रीय रूट्स की घोषणा की है। ऐसे में अनुभवी पायलटों को बनाए रखना कंपनी की रणनीति का अहम हिस्सा है।

एअर इंडिया का पायलटों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल और गैर-उड़ान कर्मचारियों की उम्र 60 साल करने का फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए लाभकारी है, बल्कि कंपनी की संचालन क्षमता और सुरक्षा मानकों को भी मजबूत करेगा। यह कदम भारतीय एविएशन सेक्टर में पायलटों की कमी को दूर करने और अनुभवी टैलेंट को लंबे समय तक बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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