Prasant Kishor के आरोपों से बिहार की राजनीति में भूचाल: 500 करोड़ के घोटाले का दावा, जानिए किस-किस पर निशाना !!

Prasant Kishor: बिहार की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी सुर्खियां Prasant Kishor (PK) की प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनके लगातार लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप हैं। 29 सितंबर को हुई प्रेस वार्ता में उन्होंने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री मंगल पांडे

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Monday, September 29, 2025

Prasant Kishor के आरोपों से बिहार की राजनीति में भूचाल: 500 करोड़ के घोटाले का दावा, जानिए किस-किस पर निशाना !!

Prasant Kishor: बिहार की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी सुर्खियां Prasant Kishor (PK) की प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनके लगातार लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप हैं। 29 सितंबर को हुई प्रेस वार्ता में उन्होंने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री मंगल पांडे और बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए।

Prasant Kishor ने अशोक चौधरी को सीधे चुनौती दी कि यदि सात दिनों के भीतर उन्होंने मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया, तो वे 500 करोड़ के घोटाले का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने ट्रस्ट के नाम पर 200 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की है और यदि वे सफाई नहीं देते तो राजनीतिक घेराव किया जाएगा।

पीके ने दावा किया कि वैभव विकास ट्रस्ट ने महज एक साल में 100 करोड़ की संपत्ति खरीदी, जबकि उसकी आमदनी का स्रोत स्पष्ट नहीं है। उन्होंने ट्रस्ट से जुड़े प्रमुख लोगों – जियालाल आर्य, अनीता कुणाल और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास – से जवाब मांगा कि आखिर इतना पैसा आया कहां से।

ये भी पढ़े: Judicial Training का आदेश, Supreme Court ने कहा– अदालतों ने गंभीरता को नजरअंदाज किया

Prasant Kishor के आरोपों से बिहार की राजनीति में भूचाल: 500 करोड़ के घोटाले का दावा, अशोक चौधरी और सम्राट चौधरी पर निशाना !!

इसके साथ ही Prasant Kishor ने सम्राट चौधरी पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 1995 के तारापुर हत्याकांड में सात लोगों की हत्या के अभियुक्त रहे सम्राट चौधरी ने नाबालिग होने का गलत दावा करके जेल से छुटकारा पाया, जबकि उनके दस्तावेज बताते हैं कि उस समय उनकी उम्र 25-26 वर्ष थी। उन्होंने सवाल उठाया कि इतना गंभीर मामला होते हुए भी उन्हें आज बिहार का उप मुख्यमंत्री कैसे बनाया गया।

Prasant Kishor ने अपनी कमाई और फंडिंग को लेकर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उन्होंने कंपनियों और राजनीतिक दलों को सलाह देकर 241 करोड़ रुपये कमाए, जिसमें से 30 करोड़ रुपये जीएसटी और आयकर के रूप में सरकार को दिया तथा 98 करोड़ रुपये अपनी पार्टी जन स्वराज को डोनेट किए। उनका दावा है कि उनकी सारी आय पारदर्शी है और इसका पूरा ब्यौरा टैक्स रिटर्न में दर्ज है।

दूसरी ओर अशोक चौधरी की बेटी और सांसद शंभवी चौधरी ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ट्रस्ट की सभी संपत्तियों और लेन-देन का ब्यौरा सार्वजनिक है और आयकर रिटर्न का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि Prasant Kishor  चुनाव से पहले अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए निराधार आरोप लगा रहे हैं।

Prasant Kishor के आरोपों से बिहार की राजनीति में भूचाल: 500 करोड़ के घोटाले का दावा, अशोक चौधरी और सम्राट चौधरी पर निशाना !!

सम्राट चौधरी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप पुराने और आधारहीन हैं। उनका कहना है कि 1997-98 में ही वे अदालत से बरी हो चुके हैं और Prasant Kishor केवल धारणा की राजनीति कर रहे हैं।

हालांकि, इन जवाबों से बिहार की जनता संतुष्ट नहीं दिख रही। सोशल मीडिया पर पीके की प्रेस कॉन्फ्रेंस को व्यापक कवरेज मिल रहा है और सवाल उठ रहे हैं कि यदि आरोप निराधार हैं तो मंत्री और उप मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से ठोस सबूतों के साथ जवाब क्यों नहीं देते।

नीतीश कुमार की चुप्पी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। विपक्ष का आरोप है कि जेडीयू और बीजेपी केवल आरोपों को रूटीन तरीके से खारिज कर रही हैं और जांच एजेंसियों की चुप्पी यह दर्शाती है कि सत्ता पक्ष पर अलग मानदंड लागू होते हैं।

बिहार की राजनीति में यह नया मोड़ चुनावी मौसम का संकेत है। आने वाले दिनों में यदि Prasant Kishor अपने वादे के अनुसार नए दस्तावेज जारी करते हैं तो नीतीश कुमार सरकार को भारी दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

Share :

Related Post