Karur stampede: तमिलनाडु के करूर में एक बड़े राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शुरुआत में इसे एक दुर्घटना बताया गया, लेकिन अब इस पर सियासी और कानूनी मोर्चे पर नए सवाल खड़े हो गए हैं। तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) के प्रमुख अभिनेता से नेता बने विजय ने मद्रास हाई कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर कर जांच की मांग की है। वहीं, विपक्ष और स्थानीय लोग इसे “सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि साजिश” बता रहे हैं।
TVK का दावा: हादसा नहीं, सुनियोजित हत्या
विजय की पार्टी का कहना है कि करूर की घटना महज भगदड़ नहीं बल्कि “सोची-समझी साजिश” है। उनका आरोप है कि:
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पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिससे भीड़ घबरा गई।
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भीड़ पर पथराव किया गया।
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सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी थे और प्रशासन ने लापरवाही बरती।
TVK नेताओं ने कोर्ट से मामले को CBI को सौंपने और SIT गठित करने की मांग की है।
याचिकाओं की बाढ़
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विजय की पार्टी की याचिका के अलावा करूर के एक स्थानीय नागरिक ने भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मांग की है कि जब तक घटना की जांच पूरी न हो, विजय और उनकी पार्टी को किसी भी सार्वजनिक सभा की इजाज़त न दी जाए।
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अदालत ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति दी है।
प्रशासन और सरकार पर सवाल
इस हादसे के बाद आंकड़ों को लेकर भी भ्रम की स्थिति है।
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प्रशासन के एक धड़े का दावा है कि 10,000 लोगों की अनुमति थी, लेकिन मौके पर 27,000 लोग पहुंचे।
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कुछ रिपोर्ट्स में भीड़ का आंकड़ा 1.20 लाख तक बताया जा रहा है।
अब सवाल उठ रहा है कि जब अदालत ने पहले ही विजय की रैलियों में सुरक्षा चूक पर चेतावनी दी थी, तो सरकार और प्रशासन ने पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं की?
पिछली चेतावनियां और विवाद
यह पहली बार नहीं है जब विजय की रैली विवादों में आई है।
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उनकी लोकप्रियता के चलते हर रैली में भारी भीड़ उमड़ती है।
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मद्रास हाई कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को सुरक्षा नियम सख्त करने का आदेश दिया था और पूछा था कि यदि रैली में किसी की जान गई तो जिम्मेदारी कौन लेगा।
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इसके बावजूद सरकार और प्रशासन ने सख्ती नहीं बरती।
सरकार का पलटवार
राज्य सरकार ने पलटवार करते हुए TVK के कुछ नेताओं पर हत्या के आरोप सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। साथ ही उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
राजनीतिक भूचाल
यह घटना अब सिर्फ एक हादसा नहीं रह गई, बल्कि तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन गई है।
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विपक्ष सरकार की नाकामी बता रहा है।
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सरकार TVK को जिम्मेदार ठहरा रही है।
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जनता पूछ रही है—40 जानें गईं, लेकिन असली जिम्मेदारी कौन लेगा?