S Jaishankar, UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंच से भारत के खिलाफ एक के बाद एक आरोपों की झड़ी लगा दी। पोडियम पर हाथ पटक-पटककर उन्होंने दुनिया को यह समझाने की कोशिश की कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार है। लेकिन भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने तुरंत करारा जवाब देते हुए एक लाइन में पाकिस्तान की सारी पोल खोल दी। इसके बाद जब भारत के विदेश मंत्री S Jaishankar मंच पर आए तो उनका भाषण और भी सटीक, धारदार और तीखा रहा।
शहबाज शरीफ का भाषण और भारतीय जवाब
शरीफ ने अपने संबोधन में भारत को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने शांत और दृढ़ स्वर में सिर्फ एक वाक्य कहा जिससे पूरा माहौल बदल गया। उन्होंने इशारों-इशारों में बता दिया कि पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया अब जान चुकी है।
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S Jaishankar का तीखा प्रहार
विदेश मंत्री S Jaishankar ने अपने संबोधन की शुरुआत आतंकवाद के मुद्दे से की और साफ कहा:
“भारत स्वतंत्रता के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि हमारा पड़ोसी दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र बना हुआ है।”
उन्होंने दुनिया को याद दिलाया कि बीते कई दशकों से बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों की जड़ पाकिस्तान से जुड़ी रही है। अमेरिका की टेरर लिस्ट में पाकिस्तान के नागरिकों की भरमार है और हाल ही में अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या इसका ताजा उदाहरण है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
S Jaishankar ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। इसलिए आवश्यक है कि गहरी अंतरराष्ट्रीय साझेदारी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि:
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जब कोई देश खुलेआम आतंकवाद को अपनी राज्य नीति घोषित करता है।
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जब आतंकी अड्डे औद्योगिक पैमाने पर चलाए जाते हैं।
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जब आतंकियों को सार्वजनिक रूप से ‘हीरो’ की तरह पेश किया जाता है।
तो ऐसे देशों और गतिविधियों की बिना किसी झिझक के निंदा होनी चाहिए।
आतंकी फंडिंग और नेटवर्क पर दबाव
उन्होंने दुनिया से अपील की कि आतंकवाद को मिलने वाली फंडिंग को पूरी तरह रोका जाए और इस पूरे “टेररिज्म इकोसिस्टम” पर लगातार दबाव बनाए रखा जाए। जयशंकर ने चेतावनी दी कि जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को बर्दाश्त करते हैं, एक दिन वही आतंकवाद उनके लिए भी मुसीबत बन जाएगा।
पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश
भारत का यह संदेश साफ था कि अब दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर आईना दिखाया गया और उसकी दोहरी नीति को उजागर किया गया।