Leh Violence Case: Social Activist Sonam Wangchuk को NSA के तहत गिरफ्तार किया गया, NGO का FCRA लाइसेंस रद्द !!

Leh Violence Case, Sonam Wangchuk: लद्दाख की राजनीति और सामाजिक आंदोलन इन दिनों देशभर में सुर्खियों में हैं। हाल ही में लेह में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने सख्त कदम उठाए हैं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत और 59 से अधिक लोग घायल

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Friday, September 26, 2025

Leh Violence Case: Social Activist Sonam Wangchuk को NSA के तहत गिरफ्तार किया गया, NGO का FCRA लाइसेंस रद्द !!

Leh Violence Case, Sonam Wangchuk: लद्दाख की राजनीति और सामाजिक आंदोलन इन दिनों देशभर में सुर्खियों में हैं। हाल ही में लेह में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने सख्त कदम उठाए हैं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत और 59 से अधिक लोग घायल हुए। सरकार का आरोप है कि यह घटना सामाजिक कार्यकर्ता Sonam Wangchuk के बयानों से भड़की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें एनएसए (National Security Act) के तहत गिरफ्तार कर लिया।

इसी कड़ी में 25 सितंबर को गृह मंत्रालय ने वांगचुक के एनजीओ SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया। FCRA यानी Foreign Contribution Regulation Act के तहत देश के एनजीओ विदेशी दान और मदद ले सकते हैं, लेकिन हालिया आरोपों और हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार ने इस पर रोक लगा दी।

क्या है लद्दाख में आंदोलन की पृष्ठभूमि ?

2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया। इसके साथ ही लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसी फैसले के बाद से लद्दाख के लोगों में असंतोष बढ़ा और वे लंबे समय से अलग राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस संघर्ष का चेहरा Sonam Wangchuk  बने, जिन्होंने भूख हड़ताल से लेकर बड़े स्तर के प्रदर्शनों तक का नेतृत्व किया।

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Ladakh Admin Cancels Land Allotment To Sonam Wangchuk, Protests Erupt

Sonam Wangchuk कौन हैं?

Sonam Wangchuk का जन्म 1966 में लद्दाख के उलेटोकपो गांव में हुआ। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई NIT श्रीनगर से की और आगे चलकर पर्यावरण व शिक्षा सुधारों में बड़ा योगदान दिया। वांगचुक की खोज आइस स्तूपा दुनिया भर में चर्चित हुई, जिससे पानी की समस्या से जूझ रहे लद्दाखी किसानों को राहत मिली। उन्होंने HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) की स्थापना की, जहां छात्रों को सस्टेनेबल शिक्षा और पर्यावरण-हितैषी तकनीक सिखाई जाती है।

उनके काम के लिए उन्हें रेमन मैग्सेसे अवार्ड 2018 और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।

क्या है विवाद और आरोप ?

जहां एक ओर वांगचुक को पर्यावरण और शिक्षा सुधारों का नायक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उन पर गंभीर आरोप भी लगे हैं। उनके खिलाफ CBI ने विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी की जांच शुरू की है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया कि HIAL के लिए 1200 कनाल जमीन तो ली गई लेकिन प्रोजेक्ट समय पर शुरू नहीं हुआ और न ही ग्रामीणों को शामिल किया गया। इसके अलावा, आइस स्तूपा प्रोजेक्ट में ज्यादा प्लास्टिक उपयोग और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप भी सामने आए।

लेह हिंसा और Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी ने लद्दाख की राजनीति को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। एक ओर वे स्थानीय अधिकारों और पर्यावरण की रक्षा के लिए संघर्षरत नायक हैं, वहीं दूसरी ओर उन पर पारदर्शिता की कमी और कानून उल्लंघन के आरोप हैं। अब देखना होगा कि अदालत और सरकार इस पूरे मामले में आगे क्या रुख अपनाते हैं।

Ladakh violence: Sonam Wangchuk says his imprisonment could cause more  problems

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