Leh Protest: 4 की मौत, 70 से ज्यादा घायल, पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची की मांग पर भड़का गुस्सा !!

Leh Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में भारी हिंसा भड़क गई। इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक चार लोगों की मौत और 70 से ज्यादा लोगों के घायल होने

EDITED BY: Vishal Yadav

UPDATED: Wednesday, September 24, 2025

Leh Protest: 4 की मौत, 70 से ज्यादा घायल; पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची की मांग पर भड़का गुस्सा

Leh Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में भारी हिंसा भड़क गई। इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक चार लोगों की मौत और 70 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने इलाके में विरोध-प्रदर्शन और सभाओं पर तत्काल रोक लगाते हुए धारा 163 लागू कर दी है।

भूख हड़ताल खत्म, शांति की अपील

15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे जाने-माने एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि पांच साल से लगातार शांतिपूर्ण आंदोलनों और पदयात्राओं के बावजूद सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि उन्होंने हिंसा की निंदा करते हुए इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।

कैसे भड़की हिंसा?

  • लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) की यूथ विंग ने इस विरोध का आह्वान किया था।

  • 24 सितंबर को लद्दाख बंद की घोषणा की गई।

  • बड़ी संख्या में लोग लेह में जमा हुए और पुलिस से भिड़ गए।

  • देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस और सीआरपीएफ की गाड़ियों में आग लगा दी।

  • भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया।

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Leh Protest: 4 की मौत, 70 से ज्यादा घायल, पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची की मांग पर भड़का गुस्सा !!

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

लद्दाख जिला मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। वहीं, 6 अक्टूबर को केंद्र सरकार और लद्दाख के नेताओं के बीच बैठक तय की गई है। इस वार्ता में लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सदस्य शामिल होंगे। हालांकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए।

Youth-led protest in Ladakh over statehood demands, protestors clash with  police | Latest News India

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

  • उमर अब्दुल्ला (पूर्व सीएम, जम्मू-कश्मीर):
    उन्होंने कहा कि 2019 में जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था तब लोग खुश थे, लेकिन अब वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

  • महबूबा मुफ्ती (पूर्व सीएम, जम्मू-कश्मीर):
    उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि 2019 के बाद से क्या वास्तव में कोई सुधार हुआ है? उन्होंने कहा कि लेह जैसे शांत क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन यह दिखाता है कि लोग निराश और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि सरकार और प्रदर्शनकारी नेताओं के बीच जल्द समाधान ढूंढना बेहद जरूरी है, क्योंकि लद्दाख जैसे शांत इलाके में हिंसा फैलना चिंताजनक संकेत है।

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