Manipur,Attack on 33 Assam Rifles: Manipur से एक बार फिर दुखद और चिंताजनक खबर सामने आई है। राज्य के विष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने 33 असम राइफल्स के कॉन्वॉय पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए जबकि पांच अन्य घायल बताए जा रहे हैं। घटना इंफाल एयरपोर्ट से महज 7-8 किलोमीटर दूर नामोल इलाके में हुई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।
Attack on 33 Assam Rifles: हमला कैसे हुआ?
मिली जानकारी के अनुसार, कॉन्वॉय जिरीबाम और चांदेल जिलों से गुजर रहा था। तभी अचानक अज्ञात गनमैन ने कॉन्वॉय पर फायरिंग शुरू कर दी। हमले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि यह पूरी तरह से एंबुश था। सुरक्षा बलों को किसी तरह का अलर्ट पहले नहीं मिला और न ही उन्हें रिएक्शन का पर्याप्त समय मिल सका। हमले के बाद हमलावर तुरंत मौके से फरार हो गए।
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पीएम मोदी के दौरे से जुड़ा संयोग
इस हमले को लेकर एक अहम तथ्य यह भी है कि महज छह दिन पहले यानी 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंफाल से चुराचंदपुर के लिए इसी मार्ग से होकर गुजरे थे। ऐसे में यह हमला सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
स्थानीय हालात और पृष्ठभूमि
Manipur पिछले दो वर्षों से मैतैई और कुकी समुदायों के बीच जारी हिंसा की वजह से अशांत है। विष्णुपुर जिला मैतैई बहुल इलाका है और यहां से हाल ही में अफस्पा (Armed Forces Special Powers Act) हटाया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि इलाके की कानून-व्यवस्था अब पूरी तरह पुलिस के हाथ में है। ऐसे में सेना के पास कार्रवाई के विशेषाधिकार नहीं बचे थे, जिससे सुरक्षा में कमजोरी आना स्वाभाविक माना जा रहा है।
उग्रवादी संगठनों की भूमिका
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस हमले के पीछे किसी बड़े उग्रवादी संगठन का हाथ हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, 25 सितंबर को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का रेजिंग डे है। अक्सर इस तरह के मौकों पर आतंकी संगठन अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए हमले अंजाम देते हैं। यही वजह है कि इस हमले को PLA या किसी अन्य गुट की बड़ी साजिश माना जा रहा है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
हमले के बाद इलाके में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। सुरक्षा बल इलाके में हमलावरों की तलाश कर रहे हैं। फिलहाल, इस घटना ने राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर तब जब कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री का दौरा इसी इलाके से हुआ था और व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे।
यह हमला न केवल सुरक्षा बलों पर सीधा वार है बल्कि Manipur की नाजुक शांति व्यवस्था पर भी गहरी चोट है। अब देखना यह होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर क्या ठोस कदम उठाती हैं और जवानों की शहादत का बदला कैसे लिया जाता है।