BJP Ex-MLA, Prashant Singh: वाराणसी में ज़मीन विवाद का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें BJP Ex-MLA Sunita Singh के बेटे Prashant Singh पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि प्रशांत ने भेलपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा बड़ी पटिया इलाके में एक परिवार को घर के अंदर बंद कर बाहर जबरन दीवार खड़ी कर दी।
पीड़िता गीता देवी के अनुसार, 14 सितंबर की सुबह Prashant Singh अपने लोगों के साथ आए और उनके घर के सामने दीवार बनाने लगे। जब गीता देवी और उनके परिवार ने विरोध किया, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को बजरडीहा चौकी आने के लिए कहा।
सुबह करीब 10:30 बजे जब दोनों पक्ष पुलिस चौकी पहुंचे, तो गीता देवी का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने प्रशांत के पक्ष में बात करते हुए कहा कि उसके कागज सही हैं और उसे छोड़ दिया गया। जबकि गीता देवी और उनका परिवार चौकी में ही रुका रहा। इसी दौरान प्रशांत अपने लोगों के साथ वापस आया और परिवार की महिलाओं व बच्चों को अंदर भेजकर गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद बाहर करीब 4 फीट ऊँची दीवार भी खड़ी कर दी।
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BJP Ex-MLA: विवाद की पृष्ठभूमि
गीता देवी ने बताया कि साल 2009 में उनके पिता और चाचाओं ने यह ज़मीन खरीदी थी और उसकी रजिस्ट्री परिवार की महिलाओं—गीता देवी, टीपू देवी और कविता देवी—के नाम हुई थी। उसी समय, पीछे की ज़मीन पूर्व विधायक सुनीता सिंह के पति परीक्षित सिंह ने खरीदी थी। चूंकि उस ज़मीन तक जाने का कोई रास्ता नहीं था, इसलिए गीता देवी और उनके परिवार ने आपसी समझ से रास्ता दिया था।
लेकिन हाल ही में Prashant Singh ने इस ज़मीन पर हाउसिंग सोसाइटी बनवाने की योजना शुरू की। इसके लिए उन्होंने 2012 में गीता देवी के घर के सामने की चार बिसवा ज़मीन खरीदी। जब रास्ता बनाने में गीता देवी का मकान बीच में आ गया, तो उन पर दबाव डाला गया कि वे घर बेच दें या रास्ता दें।
गीता देवी का कहना है कि प्रशांत ने वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में सोसाइटी बनाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनके घर का गेट रास्ते में आने के कारण सुरक्षा वजहों से मंज़ूरी रोक दी गई। इसके बाद प्रशांत ने परिवार से अस्थायी रूप से गेट के सामने दीवार बनाने की इजाज़त मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
वाराणसी में भाजपा की पूर्व विधायिका सुनीता सिंह के बेटे प्रशांत सिंह की गुंडई देखिए।
एक परिवार के गेट पर ताला जड़कर, उनके ही घर के सामने जबरन बाउंड्री वॉल खड़ी करवा दी।
योगी सरकार में भाजपा नेताओं को मानो खुलेआम गुंडई और ज़मीन कब्ज़े का लाइसेंस मिला हुआ है। यही कारण है कि आम… pic.twitter.com/5BZUOQVMfv
— UP Congress (@INCUttarPradesh) September 16, 2025
पुलिस का बयान
एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद दोनों पक्षों को बुलाकर कागजात की जांच की गई। एक पक्ष का कहना है कि रास्ता उनकी अपनी ज़मीन से होकर बनाया गया है, जबकि दूसरा पक्ष कह रहा है कि उन्होंने पहले आपसी सहमति से रास्ता दिया था, लेकिन अब दूसरा पक्ष पीछे हट रहा है।
फिलहाल, दोनों पक्षों को SDM सदर तहसील भेजा गया है। लेखपाल द्वारा ज़मीन की नाप-जोख के बाद स्थिति साफ होगी और तय होगा कि असली हकदार कौन है।
यह मामला न केवल ज़मीन विवाद का है, बल्कि इसमें राजनीतिक रसूख के इस्तेमाल के आरोप भी लग रहे हैं। अब देखना होगा कि जांच के बाद हक़ीक़त क्या निकलकर सामने आती है और कानून किसके पक्ष में खड़ा होता है।