ITR Deadline: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स WhatsApp और X (पूर्व में Twitter) पर तेजी से यह मैसेज फैल रहा है कि आयकर रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। कहीं 30 सितंबर लिखा जा रहा है तो कहीं उससे भी आगे की तारीख बताई जा रही है। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन दावों को फेक करार दिया है। विभाग ने साफ कहा है कि ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 ही है।
दरअसल, 14 सितंबर की देर रात आयकर विभाग ने X पर एक पोस्ट शेयर कर यह स्पष्ट किया कि ITR डेडलाइन बढ़ाने से संबंधित सभी संदेश फर्जी हैं। इसलिए जिन टैक्सपेयर ने अब तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके पास सिर्फ कुछ घंटे बाकी हैं।
ITR Deadline मिस करने पर क्या विकल्प हैं?
अगर कोई टैक्सपेयर 15 सितंबर की अंतिम तारीख चूक जाता है, तो भी उसके पास कुछ रास्ते खुले रहते हैं:
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बिलेटेड ITR (31 दिसंबर 2025 तक):
सेक्शन 139(4) के तहत आप लेट रिटर्न फाइल कर सकते हैं। रिफंड क्लेम संभव है, लेकिन लेट फीस और ब्याज लगेगा। -
रिवाइज्ड ITR (31 दिसंबर 2025 तक):
अगर समय पर रिटर्न फाइल किया है, लेकिन कोई गलती रह गई है, तो उसे सुधारकर रिवाइज्ड रिटर्न जमा कर सकते हैं। -
अपडेटेड रिटर्न (2030 तक):
सेक्शन 139(8A) के तहत आप अपडेटेड ITR फाइल कर सकते हैं। हालांकि इसमें रिफंड नहीं मिलेगा और अतिरिक्त टैक्स के साथ पेनल्टी भी चुकानी पड़ सकती है।
ITR समय पर फाइल न करने पर धारा 234F के तहत ₹1000 से ₹5000 तक पेनल्टी लग सकती है। वहीं, जिनकी आय ₹5 लाख से अधिक है, उन्हें ज्यादा लेट फीस चुकानी पड़ सकती है।
रिफंड अटकने के कारण
रिफंड में देरी या नोटिस आने के पीछे मुख्य वजहें होती हैं:
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ई-वेरिफिकेशन न करना
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AIS/TIS डाटा से mismatch
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गलत ITR फॉर्म का चयन
ऐसे मामलों में इनकम टैक्स पोर्टल पर ग्रीवेंस दर्ज कर समाधान निकाला जा सकता है।
आज से UPI नियमों में बदलाव
ITR की डेडलाइन के बीच एक और बड़ी खबर UPI से जुड़ी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से नए नियम लागू किए हैं।
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इंश्योरेंस, लोन EMI, कैपिटल मार्केट और ट्रैवल बुकिंग जैसी कैटेगरी में अब एक ट्रांजैक्शन की सीमा ₹5 लाख कर दी गई है।
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रोजाना की UPI पेमेंट लिमिट बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है।
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P2P (पर्सन-टू-पर्सन) पेमेंट की सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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NPCI ने प्रस्ताव रखा है कि अब UPI QR कोड से भी कैश विड्रॉ की सुविधा मिले। फिलहाल इस फीचर को लागू करने के लिए RBI से मंजूरी का इंतजार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि QR कोड विड्रॉ से ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में बैंकिंग आसान होगी, हालांकि इसके गलत इस्तेमाल की आशंका भी बनी रहेगी।