Delhi CM Rekha Gupta Viral Photo: दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री Rekha Gupta की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में उनके साथ अधिकारियों की बैठक में उनके पति मनीष गुप्ता भी नज़र आ रहे हैं। जैसे ही यह फोटो सामने आई, विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए तंज कसना शुरू कर दिया और इस घटना की तुलना वेब सीरीज़ पंचायत के काल्पनिक गांव फुलेरा से कर दी।
Delhi CM Rekha Gupta Viral Photo: मामला क्या है?
7 सितंबर को सीएम Rekha Gupta ने अपने विधानसभा क्षेत्र शालीमार बाग में विकास कार्यों और स्थानीय मुद्दों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मीटिंग की तस्वीरें खुद सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर कीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से क्षेत्र में जारी कामों की प्रगति का आकलन करें और तय समय पर स्टेटस रिपोर्ट दें।
सीएम ने आगे लिखा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में हार्वेस्टिंग पॉइंट बनाए जाएंगे, बाजारों को पुनर्जीवित किया जाएगा और झुके या टेढ़े पेड़ों को हटाने की कार्रवाई शुरू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनहित के कार्यों की सतत समीक्षा और समयबद्ध पूर्णता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
लेकिन इसी मीटिंग की एक फोटो में सीएम के बगल वाली कुर्सी पर उनके पति मनीष गुप्ता बैठे दिखाई दिए। इसके बाद ही विपक्ष ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
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AAP का तंज – “फुलेरा की पंचायत”
आम आदमी पार्टी ने इस फोटो को लेकर X पर लिखा – “दिल्ली में चल रही है फुलेरा की पंचायत की सरकार। सीएम Rekha Gupta जी मीटिंग करती हैं और उनके पति बगल में बैठकर अधिकारियों के साथ चर्चा करते हैं।”
इतना ही नहीं, AAP ने पंचायत वेब सीरीज़ का एक सीन भी शेयर किया, जिसमें महिला प्रधान के पति बैठकों में सक्रिय दिखते हैं। विपक्ष ने इसे “प्रधानपति मॉडल” बताते हुए सरकार पर परिवारवाद और संवैधानिक परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेताओं के बयान
AAP नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीटिंग की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा –
“जैसे पंचायत में महिला प्रधान के पति प्रधान की तरह काम करते थे, वैसे ही आज दिल्ली की सीएम के पति भी आधिकारिक मीटिंग में बैठ रहे हैं। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक बनाया जा रहा है।”वहीं, AAP सांसद संजय सिंह ने कहा –
“फुलेरा पंचायत में आपका स्वागत है। मोदी जी ने दिल्ली में दो सीएम बना दिए हैं। Rekha Gupta सीएम और उनका पति सुपर सीएम। 6 महीने में बीजेपी ने दिल्ली का कबाड़ा कर दिया है।”
संवैधानिक सवाल
विपक्ष का कहना है कि किसी भी सरकारी बैठक में केवल अधिकृत व्यक्ति ही मौजूद हो सकते हैं। चूंकि मनीष गुप्ता का कोई संवैधानिक पद या प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं है, इसलिए उनकी उपस्थिति सीएम की बैठकों में पूरी तरह से गलत है। विपक्ष का आरोप है कि यह “परिवारवाद” का सीधा उदाहरण है और इससे सरकारी मशीनरी पर नकारात्मक असर पड़ता है।
सरकार की चुप्पी
मामला तूल पकड़ने के बावजूद फिलहाल मुख्यमंत्री Rekha Gupta की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। बीजेपी की दिल्ली इकाई भी इस मुद्दे पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए है।
दिल्ली की सियासत में यह विवाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को जनता के बीच जोर-शोर से उठा रहा है, तो दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल इस पर फिलहाल बचाव की मुद्रा में है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि सीएम Rekha Gupta इस पर क्या सफाई देती हैं और क्या विपक्ष इस मामले को बड़े आंदोलन का रूप देगा।