Palestine, Swara Bhasker, नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री Swara Bhasker एक बार फिर राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के चलते चर्चा में आ गई हैं। इस बार मामला फिलिस्तीन और गाजा के समर्थन में आयोजित मुंबई रैली से जुड़ा है। स्वरा ने इजराइल के हमलों के खिलाफ आयोजित एकजुटता रैली का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया और मुंबईवासियों से इसमें शामिल होने की अपील की। लेकिन इस पोस्ट के बाद अभिनेत्री को सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा और यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
Swara Bhasker का Gaza हमलों के खिलाफ रैली का समर्थन
स्वरा भास्कर ने 18 जून को मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित हो रही एक रैली का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा,
“मुंबईवालों… 18 जून को फिलिस्तीन के लिए आइए।”
Mumbai.. Show up for Palestine on 18 June! 🇵🇸❤️✨#stopthegenocideinpalestine pic.twitter.com/huG4zN5MDL
— Swara Bhasker (@ReallySwara) June 16, 2025
यह रैली इजराइल द्वारा गाजा पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ है और इसका आयोजन CPI, CPI(M), समाजवादी पार्टी और अन्य संगठनों द्वारा किया गया है। रैली का मकसद भारत सरकार के उस स्टैंड का विरोध करना है जिसमें संयुक्त राष्ट्र में गाजा मुद्दे पर भारत ने वोट नहीं दिया था। भारत उन 19 देशों में शामिल था, जिन्होंने वोटिंग से दूरी बनाई थी।
Swara Bhasker सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और बहस
Swara Bhasker का ये पोस्ट विरल होते ही उन्हे ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। यूजर्स ने उन्हें याद दिलाया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में निर्दोष लोग मारे गए, लेकिन उस पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। एक वर्ग ने स्वरा पर एकतरफा समर्थन और चयनात्मक संवेदना का आरोप लगाया।
एक यूजर ने लिखा:
“पहलगाम में मारे गए भारतीयों के लिए एक शब्द नहीं, लेकिन गाजा के लिए रैली का प्रचार?”
वहीं एक अन्य यूजर ने कमेंट किया:
“देश की नागरिक होकर पहले अपने लोगों के लिए खड़े होना सीखिए।”
राजनीतिक सक्रियता में लगातार सक्रिय
बता दें कि स्वरा भास्कर पिछले कुछ समय से फिल्मों से दूर हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता लगातार बढ़ी है। उन्होंने राजनेता फहाद अहमद से शादी के बाद चुनावों में उनके लिए प्रचार भी किया था। इसके अलावा वे अक्सर सामाजिक और संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं।
भारत का स्टैंड और रैली का मकसद
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में गाजा संघर्ष को लेकर वोटिंग हुई थी, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद कई विपक्षी दलों ने भारत के तटस्थ रुख की आलोचना की। मुंबई की यह रैली भारत सरकार के फिलिस्तीन पर रुख को बदलने के लिए एक सामूहिक प्रयास के रूप में देखी जा रही है।